तकनीक आधारित दशक के लिए कदम

Afeias
12 Dec 2022
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हाल ही में वित्तमंत्री सीतारमण ने स्टार्ट अप्स् से आहवान किया है कि वे सस्ते और पैमाने पर खरे, ऐसे तकनीक आधारित समाधानों के साथ आगे आएं, जो आने वाले ‘टैकेड’ यानि तकनीक आधारित दशक को ऊँचाई पर ले जा सकें।

कुछ बिंदु –

  • आधार जन-धन, इंडिया स्टैक, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) यूपीआई, मोबाइल, और इंटरनेट के विस्तार के साथ भारत ने डिजिटल इंडिया जैसी प्रारंभिक सार्वजनिक पहल का लाभ उठाया है।
  • कुछ स्टार्टअप्स् ने देश की कई समस्याओं को लागत प्रभावी ढंग से बड़े पैमाने पर हल किया है। ये सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित हैं या अन्य प्रकार की फंडिंग से चल रहे हैं।
  • भारतीय मानकों और नवाचारों का उपयोग करके लाया गया डिजिटल भुगतान सफल रहा है।
  • स्टार्टस अप उद्यमियों को पूंजी, मैन्टोर, नेटवर्क प्रभाव, स्थानीय बाजार, प्रतिभा और कौशल तक पहुंच की आवश्यकता होती है। प्रारंभिक चरण की फंडिंग सहित खरीद की बाधाओं को कम तथा विदेशी निवेश के नियमन को दुरूस्त करके फंड के प्रवाह को ठीक किया जाना चाहिए।
  • दूरसंचार, अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्रों में नीतिगत पहल की जा रही है। इससे तकनीक और डिजिटल उत्पादों का घरेलू बाजार बढ़ रहा है।
  • इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में भी तेजी लाई जा रही है।
  • अपनी प्रतिभा के साथ भारत के तकनीक विशेषज्ञ, ग्लोबल डिजिटल रूपांतरण में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। जरूरत है तो बस आपूर्ति श्रृंखला से जुड़ने, नए कौशल को साथ लेने और व्यापार करने के नए रास्ते अपनाने की।

इन सभी पहलुओं में उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने और उन्हें लागू करने की कंपनियों की क्षमता बहुत मायने रखती है। अनेक क्षेत्रों में स्टार्टस अप और बड़ी कंपनियों के साथ सार्वजनिक मंच सामने आ रहे हैं। इन सबसे भारत के तकनीक रूप से श्रेष्ठ होने की संभावना बढ़ जाती हैं।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 14 नवंबर, 2022

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