भारतीय कपड़ा उद्योग से संबंधित कुछ अपडेट
Date:22-10-21 To Download Click Here.
- हाल ही में कैबिनेट ने पूरे भारत में सात एकीकृत टेक्सटाइल और परिधान मेगा पार्कों के लिए स्वीकृति दी है।
- यह कदम ऑन साइट मूल्यवर्धन, पैमाने और दायरे की अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देगा। लॉजिस्टिक और सोर्सिंग के खर्चों को कम करेगा। संबद्ध क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ को बढ़ाएगा।
- यार्न, फैब्रिक और रेडीमेड के क्षेत्र में मूल्य श्रृंखला बिखरी हुई है। उदाहरण के लिए देखें तो कपास गुजरात और महाराष्ट्र में उगाया जाता है, कताई तमिलनाडु में, प्रसंस्करण राजस्थान में और परिधान बनाने का काम ज्यादातर कोलकला, बेंगलुरू और दिल्ली के आसपास होता है।
- एक हजार एकड़ या उससे अधिक में फैले प्रस्तावित मेगा पार्क में एक ही स्थान पर बुनाई, रंगाई, छपाई तथा फैशन डिजायनिंग आदि हो सकेगी।
- इस पार्क में इन्क्यूबेशन सेंटर, प्लग एण्ड प्ले सुविधा और कौशल विकास इकाइयां जैसे मुख्य बुनियादी ढाँचे होंगे।
- कपड़ा उद्योग में निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। इस हेतु सरकार ने निर्यात उन्मुख इकाइयों को राज्य और केंद्रीय करों, और लेवी पर छूट प्रदान करने की घोषणा की है।
- तथ्य यह है कि भारत के निर्यात क्षेत्र में कपड़ा उद्योग की हिस्सेदारी में गिरावट आ गई है। मुक्त व्यापार समझौतों की कमी ने निर्यात प्रदर्शन को नुकसान पहुँचाया है। प्रस्तावित परियोजना के विकास से कपड़ा-निर्यात में सुधार होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 8 अक्टूबर, 2021
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