पढ़ो तो ऐसे पढ़ो
Publisher : Benten Books | Author : Dr. Vijay Agrawal
INR 145
एक सच्चे सुख की खोज में स्वयं यथार्थी-करण प्राप्त करना चाहिए। मानव मन अनंत संभावनाओं से भरा है। यह संभावनाएं तभी यथार्थ मैं परिवर्तित हो सकेंगी जब हममे पारंपरिक तरीकों से परे कदम रखने की सोच आएगी और हमारे मस्तिष्क का अभी तक अप्रयुक्त, शायद यह भी की निष्क्रिय हिस्सा उसका लाभ उठाने की क्षमता रख सकेगा। यह पुस्तक एक नया और वैकल्पिक दृष्टिकोण प्रदान करती है।
Description
यह पुस्तक एक ऐसा परिप्रेक्ष्य और तकनीक प्रदान करती है जिससे पाठकों को अपने मस्तिष्क को उत्तेजित करने में मदद मिलेगी और बेहतर समझ हासिल करने की क्षमता प्राप्त होगी कि कैसे हमारी सोच कार्य करती है। और यह किताब यह भी कहती है कि, कोई भी यह कर सकता है! यह छात्रों के लिए एक जबरदस्त किताब है जो उनकी कथित सीमा क्या है और उससे परे उत्कृष्टता प्राप्त कैसे करना हैं यह बतलाती है।
Table of Content
Chapter 1 | अध्ययन क्या है? |
Chapter 2 | अध्ययन का मनोविज्ञान |
Chapter 3 | हमारा मस्तिष्क |
Chapter 4 | स्मरण-शक्ति को बढ़ायें |
Chapter 5 | मस्तिष्क का व्यायाम |
Chapter 6 | पढ़ो तो ऐसे पढ़ो |
Chapter 7 | कक्षा में बैठने का मतलब |
Chapter 8 | परीक्षा की तैयारी |
Chapter 9 | परीक्षा के दिनों में |