fbpx

प्लास्टिक प्रदूषण की बड़ी समस्या

Afeias
30 Dec 2024
A+ A-

To Download Click Here.

पर्यावरण को बचाने के लिए बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण को रोकना बहुत जरूरी हो गया है। जमीन और समुद्री जानवरों के शरीर में इसकी मौजूदगी पाई जा रही है। रिसाइकिलिंग के संदर्भ में यह नगरपालिकाओं के लिए सिरदर्द बना हुआ है। इसको रोकने का एकमात्र तरीका इसके स्रोत, वर्जिनपॉलिमर पर धीरे-धीरे कटौती लागू करना है।

वैश्विक प्रयास – 2022 में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के प्रयास से वैश्विक प्लास्टिक संधि हुई है। इसका उद्देश्य प्लास्टिक (समुद्री पर्यावरण सहित) को समाप्त करना है। इसकी बैठक पाँच बार हो चुकी है।

प्लास्टिक संधि के नतीजे – 170 देशों में से लगभग आधे देशों का मानना था कि प्लास्टिक की उपयोगिता के बावजूद, इसे नष्ट करने में आने वाली परेशारियों को देखते हुए यह एक खतरा बन चुका है। बेहतर रीसाइकिलंग और पुनः उपयोग से स्थिति में सुधार के दावे को ये देश नहीं मानते हैं।

भारत का दृष्टिकोण – भारत ने उन देशों का साथ दिया है, जो प्लास्टिक उत्पादन में कटौती के विरूद्ध हैं। भारत ने ऐसा व्यापार बाधाओं को देखते हुए किया होगा। अर्थव्यवस्था में प्लास्टिक के महत्व को देखते हुए भी पर्यावरण प्रदूषण से होने वाले स्वास्थ्य प्रभावों से मुँह नहीं मोड़ा जा सकता है। अतः भारत को इससे योजनाबद्ध तरीके से बाहर निकलने के बारे में सोचना चाहिए।

द हिंदू’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 5 दिसंबर, 2024