संयुक्त राष्ट्र को अमेरिका से बाहर कहीं स्थानांतरित किए जाने पर विचार करने की जरूरत
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हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान के एक वरिष्ठ सांसद और सीनेट के उपसभापति मौलाना हैदरी के वीज़ा आवेदन को नामंजूर कर दिया। मौलाना हैदरी न्यूयार्क में आयोजित होने वाली संयुक्त राष्ट्र की अंतर संसदीय संघ की बैठक में भाग लेना चाहते थे। हांलाकि उनके वीज़ा को नामंजूर करने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है, परंतु ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ऐसा वर्तमान राष्ट्रपति टंªप की इस्लामिक राष्ट्रों पर रोक लगाने की नीति के अंतर्गत किया गया है।
राष्ट्रपति ट्रंप जिस प्रकार कुछ विशेष धार्मिक समुदायों को अमेरिका से दूर रखना चाहते हैं, और अमेरिका में अमेरिकीयों को ही प्राथमिकता देना चाहते हैं, उसे देखते हुए संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय को वहाँ से स्थानांतरित करने पर विचार किया जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र एक ऐसी संस्था है, जहाँ संप्रदाय और वैचारिक भिéताओं से परे, विश्व के सभी देशों के लोगों को आने-जाने का अधिकार होना चाहिए। इसे देखते हुए उसके स्थानांतरण पर विचार होना आज परिस्थितियों की मांग बन गया है।
अमेरिका एक ऐसा देश है, जो संयुक्त राष्ट्र के कुल बजट का 22% और उसके शांति अभियान का 28% आर्थिक भार वहन करता है। अमेरिका के राजनीतिज्ञ बहुत समय से इस खर्च को कम करने की मांग करते रहे हैं। स्वयं राष्ट्रपति ट्रंप ने भी संयुक्त राष्ट्र पर खर्च को फिजूलखर्ची बताया था। इसे देखते हुए विश्व के अन्य राष्ट्रों को आगे बढ़कर अमेरिका द्वारा वहन किए जा रहे आर्थिक भार को आपस में बांट लेना चाहिए। बहुत से देश ऐसा करने में सक्षम भी हैं।अब सवाल उठता है कि अगर सचमुच संयुक्त राष्ट्र कार्यालय को स्थानांतरित किया जाए, तो कहां? बहुत से लोगों की स्वाभाविक पसंद स्विट्जरलैण्ड होगी। उसकी तटस्थता की नीति, राजनीतिक एवं आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करने की सक्षमता कुछ ऐसे पक्ष हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करते हैं। इस मामले में चीन भी आगे आ सकता है, क्योंकि वह भी संयुक्त राष्ट्र को वित्तिय सहायता देता है।
संयुक्त राष्ट्र के स्थानांतरण के लिए भारत भी एक आदर्श देश हो सकता है। भारत में प्रजातंत्र है, सांस्कृतिक भिन्नता, मौसम की अनुकूलता, प्राकृतिक सौंदर्य और लंबे समय से चला आ रहा नौकरशाही का तंत्र कुछ ऐसे मुद्दे है, जो इसे संयुक्त राष्ट्र के उपयुक्त बनाते हैं। भारत विश्व के अन्य देशों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ भी है।
लेकिन क्या भारत ऐसा कर पाने में सक्षम है ? हमारे देश में बुनियादी सुविधाओं की कमी को दूर किए बिना यह संभव नहीं लगता। संयुक्त राष्ट्र के लिए भारत को एक पूरा नया शहर बसाने की आवश्यकता होगी, जहाँ हवाई अड्डा, रेल सुविधा के अलावा विश्व के बड़े देशों से हवाई संपर्क हो। इस योजना को अमल में लाने के लिए विश्व की आर्थिक भागीदारी की आवश्यकता होगी। भारत को यह जरूर मिलेगी और इससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था को भी निश्चित रूप से गति मिलेगी।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स‘ के संपादकीय पर आधारित।