जूनोटिक रोग के बढ़ते मामले

Afeias
17 Mar 2023
A+ A-

To Download Click Here.

हाल ही में पश्चिम बंगाल में एडेनोवायरस के तेजी से फैलने के समाचार आ रहे हैं। पिछले कुछ समय से जूनोटिक रोगों यानि पशुओं से इंसानों में फैलने वाले रोगों के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस प्रकार के रोग बैक्टीरिया, वायरस, पैरासाइट और फंगाई के कारण होते है।

कुछ बिंदु –

  • जनसंख्या में वृद्धि के साथ ही भोजन और ईंधन की जरूरत बढ़ती रही है। दूसरे जब लोगों की आय बढ़ती है, तो मांग भी बढ़ती है। इस मांग की पूर्ति में कभी-कभी पशु से मानव तक फैलने वाले कीटाणुओं के लिए अवसर बढ़ जाते हैं।
  • इस प्रकार के रोगों से बचाव के अनेक तरीके हैं। बचाव, निरीक्षण और उपचार के त्रिस्तरीय तंत्र से इसके फैलाव को रोका जा सकता है।
  • जीनोमिक स्ट्रक्चर और मानव स्वास्थ्य पर उसके प्रभाव के अध्ययन से रोकथाम संभव है।
  • इसके अनुसार दवाएं बनाई जा सकती हैं।
  • इन रोगों पर शोध एवं अनुसंधान के लिए विशेष संस्थान, तंत्र का निर्माण और निरंतर निगरानी की क्षमता बढ़ाई जानी चाहिए।
  • सुलभ और सस्ती प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की योजनाएं होनी चाहिए।
  • व्यक्ति – विशिष्ट जांच और उपचार की व्यवस्था की जानी चाहिए।

व्यापक मोर्चे पर, केंद्र और राज्य सरकारों को स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर, मानवीय और भौतिक बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए एक रोडमैप विकसित करना चाहिए। स्वच्छ आवास, सुव्यवस्थित अपशिष्ट और कचरा प्रबंधन होना चाहिए। वेक्टर रोगों (जो मच्छरए मक्खी आदि से फैलते हैं) के प्रति जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। इस प्रकार, स्वास्थ्य सेवा तंत्र को प्राथमिकता देकर मानव स्वास्थ्य को बेहतर रखा जा सकता है।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 28 फरवरी, 2023

Subscribe Our Newsletter