वायु प्रदूषण

Afeias
18 Feb 2024
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पूरे विश्व में वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। भारत की राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु प्रदूषण गंभीर चिंता का कारण रहा है।

‘विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट’ के अनुसार प्रदूषित हवा प्रति वर्ष 60 लाख लोगों की जान ले सकती है। द युनाइटेड नेशंस एनवायरनमेंट प्रोग्राम की ‘वायु गुणवत्ता पर कार्रवाई’ रिपोर्ट 2021 में दावा किया गया है कि दुनिया की 92% आबादी पीएम 2.5 सांद्रता के संपर्क में है। यह WHO की अधिकतम सीमा से बहुत ऊपर है। और इसके 2030 तक 50 फीसदी और बढ़ने की आशंका है। विश्व बैंक के अनुसार सबसे अधिक प्रदूषण वाले स्थानों में दक्षिण और पूर्वी एशिया, पश्चिमी एशिया और उत्तरी अफ्रीका हैं। वायु प्रदूषण से होने वाली मृत्यु में आधे से अधिक विशेषकर चीन और भारत में हैं।

वायु प्रदूषण कम करने के सुझाव –

शहरीकरण और प्रदूषण का सीधा संबंध है। शहरीकरण रोक देना प्रदूषण कम करने का उपाय नहीं है। लेकिन शहरों का यह विस्तारीकरण इस प्रकार होना चाहिए कि इसमें रहने वालों की जिंदगी मुश्किल के बजाय आसान बने, जैसे कि –

  • शहरी निकाय लोगों को सस्ती और टिकाऊ परिवहन जैसी सार्वजनिक परिवहन सेवाएं अपनाने एवं साइकल से या पैदल चलने को प्रोत्साहित कर सकते हैं। कम संख्या में निजी वाहन चलने से निश्चित रूप से वायु प्रदूषण घटेगा।
  • उद्योगों और वाहनों के लिए समय-समय पर मानकों को उद्यतन करना भी इसमें महती भूमिका निभा सकता है।
  • फैक्टरियों, ऊर्जा संयंत्रों और वाहनों में उत्सर्जन सीमा को सख्ती से लागू करने के लिए शहरी निकायों को पर्यावरणीय एजेंसियों के साथ हाथ मिलाना चाहिए।
  • नियमों का पालन नहीं करने वालों पर सख्ती करने के लिए नियमित रूप से निरीक्षण करने और जुर्माना लगाने जैसे उपाय किए जा सकते हैं।
  • शहरी योजना में हरित क्षेत्र को शामिल करना भी वायु प्रदूषण के विरुद्ध जंग में प्रभावी भूमिका निभाता है। शहरी निकाय रिहायशी और औद्योगिक क्षेत्रों में ग्रीन बेल्टए पार्क और शहरी.जंगल क्षेत्र के प्रसार को प्रोत्साहित कर वायु प्रदूषण को नियंत्रित कर सकते हैं।
  • अधिक से अधिक पौधरोपण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, ताकि वह प्राकृतिक छननी का काम करे और प्रदूषक तत्वों को सोखकर वायु स्वच्छ करे।
  • सुनियोजित तरीके से शहरी योजना को लागू किया जाना चाहिए, जिसमें मिक्स लैंड यूज यानी मिश्रित भूमि उपयोग को प्राथमिकता दी जाए। सघन रिहायश को कम से कम रखा जाए।
  • नवीनीकरण ऊर्जा को अपनाया जाय। रिहायशी और औद्योगिक इलाकों में सरकार सौर, वायु समेत अन्य स्वच्छ ऊर्जा के विकल्पों को अपनाने पर लोगों को प्रोत्साहन राशि दे सकती है। इससे न केवल वायु प्रदूषण में कमी आएगीए बल्कि लोगों का रूझान टिकाऊ स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ेगा।

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