उच्च शिक्षा में भारत की उपलब्धि से जुड़े कुछ तथ्य
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- क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैकिंग 2024 के 2,900 संस्थानों में से भारत के 45 संस्थान शामिल हैं। इस हिसाब से रैकिंग में भारत सबसे अधिक प्रतिनिधित्व वाले देशों में सातवें स्थान पर आता है।
- आईआईटी बॉम्बे का स्थान शीर्ष के 150 संस्थानों में आ गया है। जबकि अभी तक के शीर्ष भारतीय संस्थान आईआईएससी बैंगलोर 225वें स्थान पर लुढ़क गया है।
- अगर हम संकायों के स्तर पर देखें, तो भारतीय संस्थान वैश्विक औसत में ऊपर ठहरते हैं। जबकि प्रतिष्ठा-संबंधी मेट्रिक्स में ये संस्थान वैश्विक औसत के अनुरूप हैं।
- विषय और विशेषज्ञता के आधार पर श्रेष्ठता प्रमाणित करने के लिए और डेटा की जरूरत है।
- फिलहाल शिक्षण की गुणवत्ता और अंतरराष्ट्रीयकरण दो ऐसे व्यापक क्षेत्र हैए जहाँ भारतीय संस्थान वैश्विक औसत से पीछे हैं। शिक्षण में गुणवत्ता के अभाव का सीधा संबंध रोजगार की प्राप्ति पर पड़ता है, क्योंकि छात्र को मिले कौशल और नौकरी की आवश्यकताओं में कोई तालमेल नहीं बन पाता है।
- आज की अंतरराष्ट्रीय ज्ञान प्रणालियों में छात्र का संकाय या फैकल्टी, उसकी संरचना तथा शोध का ताना-बाना बहुत महत्ववपूर्ण हैं। इसमें भारतीय संस्थान मात खा जाते हैं।
अगर भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों को अपना प्रभाव बढ़ाना है, तो इन कमियों को दूर किया जाना चाहिए।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 4 जुलाई, 2023