
उच्च शिक्षा सुधार
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- भारतीय विश्वविद्यालयों में बड़े पैमाने पर सुधार की जरूरत है। नई शिक्षा नीति के तहत नीति आयोग ने इससे जुड़ी कुछ अच्छी सिफारिशें की हैं।
- सिफारिशों का मुख्य जोर उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर है।
- राज्यों के अधीन विश्वविद्यालयों में संकाय (फैकल्टी) भर्ती प्रक्रिया के साथ ही मान्यता प्रक्रिया में सुधार किया जाना चाहिए।
- शिक्षा संस्थानों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली हैं। साथ ही संस्थानों की मान्यता में कड़ाई बरतने की जरूरत है।
- सिफारिश में राष्ट्रीय अनुसंधान नीति शुरू करने के साथ ही मानविकी विषयों में अनुसंधान विकास पर भी जोर दिया गया है।
ज्ञातव्य हो कि नीति आयोग ने 20 राज्यों से परामर्श किया है, और उसके बाद ही सरकारी या सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुधार की सिफारिशें की हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की नीतियों का विरोध दक्षिणी राज्यों में हो रहा है। शिक्षा मंत्रालय सहित आयोग को उन्हें साथ लाने का प्रयास करना चाहिए। अगर दक्षिणी राज्यों की शिक्षा नीति में कुछ क्रांतिकारी उपाय है, तो उन्हें अपनाकर राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा सकता है।
‘हिन्दुस्तान’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 12 फरवरी, 2025