‘स्मार्ट शहर’ के लिए सुझाव
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परिचय – भारत की जीडीपी में विनिर्माण की हिस्सेदारी 16.18% तक है जो 25% तक होनी ही चाहिए। हाल ही में इलेक्ट्रानिक्स, चिप निर्माण तथा बैटरियों में निवेश किया गया है। लेकिन विनिर्माण के क्षेत्र में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि के लिए कुछ नीतिगत चुनौतियाँ हैं।
सरकार ने पीएनआई, राष्ट्रीय लाजिस्टिक नीति, कारोबारी सुगमता और आने वाले निवेश के लिए पूँजी सब्सिडी जैसे कई कदम उठाए हैं। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने इसी कड़ी में 10 राज्यों के 6 प्रमुख औद्योगिक गलियारों में 12 औद्योगिक स्मार्ट शहर विकसित करने की मंजूरी दी है। जिनके स्थान निम्न है –
- अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे पर 5 शहर,
- दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे पर दो शहर,
- विशाखापत्तनम- चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलूरू, हैदराबाद-नागपुर और चेन्नई बेंगलूरू के औद्योगिक गलियारों पर 4 शहर।
- एक शहर का नाम अभी अघोषित है।
ये शहर और भी ज्यादा प्रभावी व कारगर हो सकें, इसके लिए कुछ उपाय –
1.प्लग एंड प्ले – इसमें कारोबारी सुगमता के लिए प्रक्रियागत रियायतें हर हाल में दी जाए। सुधारों को प्रत्यक्ष दिखाने के लिए सुविधा केंद्र बनें।
2.सामाजिक बुनिवादी ढाँचा – यह विकास के एजेंडा का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए। स्कूल, अस्पताल, पार्क, रिटेल घूमने की जगह आदि की पर्याप्त व्यवस्था हो।
3.स्मार्ट यूटिलिटीज – तरल और अवशिष्ट शोध प्रबंधन के साथ-साथ हरित ऊर्जा और उपलब्ध आईसीटी की पूरी व्यवस्था शामिल है।
4.एकीकरण और मिलान – एकल खिड़की व्यवस्था, CDCP सागरमाला, अमृत स्मार्टसिटी, स्वच्छ भारत, जल शक्ति, आवास योजना, कौशल विकास केंद्र, SEZ, दूरसंचार तथा सार्वजनिक परिवहन आदि में निर्बाध तालमेल हो। इसमें अंतर्देशीय कंटेनर डिपो को भी शामिल किया जाए।
5.अतीत की योजनाओं से सबक – परियोजनाओं के भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास को बुनियादी ढाँचे के विकास एवं हितधारकों के बीच समन्वय के साथ पूरी क्षमता के साथ विकसित किया जाए।
6.को-डेवलपर से निजी पूँजी – यद्यपि अभी इसमें 28602 करोड रुपये के निवेश का प्रस्ताव है लेकिन और निवेश की आवश्यकता होगी, जिसके लिए PPP मॉडल की योजनाएँ बनानी होगी। इसमें कुछ देश को-डेवलपर बनना भी चाह रहे हैं।
7.तटीय आर्थिक क्षेत्र (CEZ) – इन्हें मुक्त व्यापार क्षेत्रों के रूप में वैसे ही विकसित किया जाए, जैसे अहमदाबाद की गिफ्ट सिटी को विकसित किया गया है।
निजी क्षेत्र भी इस क्षेत्र में सक्रिय हैं लेकिन अब इनमें भी चूक दिखने लगी है। अब हमें इन 12 औद्योगिक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
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