सिरदर्द बनते ड्रोन

Afeias
28 Aug 2025
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  • शहरों और गलियों में चलने वाले ड्रोन देश भर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक नया सिरदर्द बन गए हैं।
  • ड्रोन की कम कीमत और आसान उपलब्धता के कारण ये हर किसी की पहुँच में हैं।
  • ऐसा माना जा रहा है कि ड्रोनों का उपयोग चोरी या गोपनीयता भंग करने के इरादे से किया जा रहा है।

यहाँ तीन मुद्दे हैं –

1). ड्रोन नियमों का अनुपालन और प्रवर्तन कमजोर है। जो नियम बने हुए हैं, उनकी परवाह निजी ऑपरेटर नहीं करते हैं। इस वर्ष अप्रैल तक, देश में अनुमानित 5 लाख से ज्यादा क्षमता वाले ड्रोनों के मुकाबले केवल 32,000 पंजीकृत थे।

2). भारत में ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध होने के बावजूद विदेशी ड्रोन पूरे देश में ग्रे मार्केट में मिल जाते हैं।

3). अटेंशन इकॉनॉमी (ऐसी व्यवस्था जिसमें लोगों का ध्यान आकर्षित करना महत्वपूर्ण माना जाता है) के बढ़ते चलन के कारण, निजता का उल्लंघन करने वाले ड्रोन वीडियो की काफी मांग है।

ड्रोन के आयात को कम करने के लिए भारतीय ड्रोन उद्योग का तेजी से विकास किया जाना चाहिए। इससे ड्रोन के इस्तेमाल की बेहतर निगरानी भी की जा सकेगी।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्समें प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 21 जुलाई, 2025