शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक

Afeias
07 Aug 2023
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हाल ही में एससीओ की 23वीं बैठक संपन्न हुई है। यह एक विरल अवसर रहा है, जब भारत ने पाकिस्तान और चीन के साथ किसी बैठक में भाग लिया है। 2017 से भारत इसका सदस्य है, और इस वर्ष इसका अध्यक्ष भी है। वर्तमान की भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए भारत ने इस मंच से ऐसे मुद्दों पर बातचीत का प्रयास किया है, जहां सहयोग संभव है।

कुछ बिंदु –

प्रधानमंत्री के उदबोधन और नई दिल्ली की घोषणा से यह स्पष्ट हो गया है कि इस मंच से अन्य देशों एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों के विरूद्ध काम नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि गलत काम करने वाले देशों को छोड़ दिया जाए। सीमा-पार आतंकवाद फैलाने वाले देशों की जमकर आलोचना की जानी चाहिए।

  • क्षेत्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। इनमें नागरिकों के लिए सुरक्षा, आर्थिक विकास, क्षेत्र में कनेक्टिविटी, एकता, संप्रभुता का सम्मान और क्षेत्रीय अखंडता तथा पर्यावरण संरक्षण प्रमुख मुद्दे रहे।
  • भारत ने सहयोग के लिए पांच नए स्तंभों की पहचान की है- स्टार्टअप और नवाचार, पारंपरिक चिकित्सा, युवा शक्तिकरण, डिजिटल समावेशन और साझा बौद्ध विरासत।

यह चीनी विशेषताओं वाली बहुपक्षीय संस्था है। इसमें भारत का उन क्षेत्रों पर सहयोग का आह्वान करना प्रशंसनीय कहा जा सकता है, जिनको लेकर पाकिस्तान और चीन से लगातार विवाद चलता रहता है। उम्मीद की जा सकती है कि इस बैठक के भविष्य में सकारात्मक परिणाम दिखाई देगें।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 5 जुलाई, 2023