शहरों में बढ़ती गर्मी और उसका समाधान
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परिचय – C-40 विश्व के 96 देशों का एक संगठन है, जो शहरों का जलवायु के संबंध में नेतृत्व करता है। इसके सर्वेक्षण के अनुसार इस समय दुनिया के 350 से ज्यादा देश अत्यधिक गर्मी से प्रभावित हैं। सन् 2050 तक इनकी संख्या बढ़कर 970 हो जाएगी।
बचाव के उपाय –
- शहर छोटे होने चाहिए, जिससे शहरों में अधिक भीड़ से होने वाला प्रदूषण एवं ताप कम हो सके।
- शहरों में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बढ़ावा दिया जाए। इससे निजी वाहनों पर निर्भरता कम होगी। इससे यातायात से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
- हमें शहरों को हरा-भरा बनाने के प्रयास करने चाहिए। इसके लिए हम कुछ उपाय कर सकते हैं। जैसे- वर्षा के जल का प्रबंधन करना, जैव विविधता को बढ़ावा देना, जलवायु के अनुकूल शहरों का विकास करना तथा नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों का प्रयोग करना आदि।
- हरित छतों का निर्माण करने के लिए हम छतों पर पौधे लगाए। हमें वर्टिकल (ऊर्ध्वाधर) गार्डनिंग भी करनी चाहिए। छतों पर तथा दीवारों पर लगने वाले पौधें सूर्य की उष्मा को अवशोषित कर लेंगे, जिससे शहरों को ठंडा रखने में मदद मिलेगी।
- सड़क के किनारों पर पेड़ लगाये जाने चाहिए। ये पौधे वाहनों से होने वाला वायु प्रदूषण को अवशोषित कर सकेंगे जिससे हमारे शहर ठंडे रहेंगे।
- हमें जलवायु परिवर्तन पर अंतर्सरकारी समिति की रिपोर्ट पर ध्यान देना होगा। रिपोर्ट के अनुसार हमको पारिस्थितिकीय तंत्र पर आधारित नजरिया अपनाना चाहिए; जैसे – शहरी नियोजन, शहरी वनों तथा शुरूआती चेतावनी प्रणाली विकसित करनी चाहिए। आद्रभूमि को दुबारा बहाल करना चाहिए।
- घरों एवं इमारतों को हवादार बनाना चाहिए, ताकि एयर कंडीशनर का प्रयोग कम हो। इससे गैस का उत्सर्जन कम होगा।
- कैनोपी कवर (अर्थात् पेड़ों से ढ़का ऐसा क्षेत्र जहाँ पर सूर्य की किरणें न जा सके) को बढ़ाकर 60% करना चाहिए। इससे भूमि ठंडी बनी रहेगी तथा शहर गर्म होने से बच सकेंगे।
- बारिश से आने वाले पानी को रोकने का प्रबंध करना चाहिए। उसमें वर्षा उद्यानों का निर्माण किया जा सकता है। वाष्पशील शीतलन से भी क्षेत्रों को ठंडा बनाये रखा जा सकता है।
- आधुनिक जीवन की और हमारी मूलभुत आवश्यकताओं के मध्य समन्वय होना चाहिए। जलवायु परिवर्तन संबंधी सामग्री तक सबकी पहुँच हो, ताकि गरीब वर्ग के साथ जलवायु – न्याय किया जा सके।
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