सरकार की अफ्रीका नीति पर एक नजर

Afeias
21 Jun 2022
A+ A-

To Download Click Here.

25 मई को मनाए गये विश्व अफ्रीका दिवस के मद्देनजर भारत-अफ्रीका की साझेदारी का आकलन किया जाना चाहिए।

कुछ बिंदु –

  • 2014 के बाद से अफ्रीका के लिए उच्च स्तरीय यात्राओं में वृद्धि हुई है।
  • अफ्रीकी देशों की 100 से अधिक उच्च स्तरीय भारत यात्राएं की गई हैं। कई मामलों में, उच्च स्तरीय बातचीत भी दशकों बाद हो रही है।
  • विश्व स्तर पर अपने राजनयिक पदचिन्हों और गतिविधियों का विस्तार करने के साथ ही भारत ने अफ्रीका को गौरवपूर्ण स्थान दिया है।
  • 2018 से अब तक 18 नए दूतावास खुले हैं, जिसमें महाद्वीप के 54 देशों में से 47 शामिल हैं।
  • 2015 में भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन में सभी अफ्रीकी राज्यों के राष्ट्राध्यक्ष या सरकार के प्रमुख उपस्थित थे।
  • भारत ने अफ्रीका में 189 परियोजनाओें को पूरा किया है। इनमें 76 कार्यान्वयन के व 68 पूर्व कार्यान्वयन के चरण में हैं। एक बड़े वित्तीय समर्थन के साथ ये योजनाएं अफ्रीका के 40 देशों में चलाई गई हैं। इनमें से कुछ तो अपने आप में पहली और अनोखी थीं।
  • क्षमता-निर्माण और कौशल-विकास में सहयोग के साथ-साथ भारत ने अफ्रीकी युवाओं के लिए 50,000 स्कॉलरशिप की भी व्यवस्था की है।
  • डिजीटल डिवाइस को पाटने के लिए, 2009 में शुरू किया गया पैन अफ्रीका ई-नेटवर्क, 2017 में उद्देश्यपूर्ण ढंग से पूरा किया गया है।
  • टेली-एजुकेशन के लिए ई-विद्या भारती और टेली मेडिसीन के लिए ई-आरोग्य भारती की शुरूआत के साथ नए युग की शुरूआत हुई है।
  • पिछले पांच वर्षों के दौरान, अफ्रीका के डिजीटल परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए अनेक देशों में 7 आईटी केंद्र, मेडागास्कर और नाइजर में ग्रामीण विकास में भू सूचना विज्ञान अनुप्रयोग केंद्र स्थापित किए गए थे।
  • व्यापार के क्षेत्र में लगभग 70 अरब डॉलर की मात्रा के साथ भारत अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा भागीदार है और पांचवा सबसे बड़ा निवेशक है।
  • अफ्रीकी उत्पादक, भारत की बढ़ती ऊर्जा और खाद्य मांगों का विशेष लाभ उठा सकते हैं। भारत में पहले से ही पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीका से मसूर की दाल मंगवाने की परंपरा का विस्तार हो रहा है।
  • भारत और अफ्रीका की निकटता को देखते हुए रक्षा और समुदी सुरक्षा में सहयोग स्वाभाविक है। पूर्व में भारत कुछ अफ्रीकी रक्षा संस्थानों की स्थापना से जुड़ा रहा है। इस नींव को मजबूत करते हुए समुद्री सुरक्षा सहयोग का विस्तार किया गया है। यह तटीय-अफ्रीका देशों तक फैल गया है।
  • कोविड महामारी के दौरान भी अफ्रीका और भारत के बीच सहयोग बना रहा है। भारत ने 32 अफ्रीकी देशों को 150 टन चिकित्सा सहायता प्रदान की है।
  • भारत और अफ्रीका विश्वसनीय और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण में एक साथ आ सकते हैं। दोनों ही विकेंद्रीकृत वैश्वीकरण के महत्वपूर्ण केंद्र हैं।

अफ्रीका के साथ सहयोग स्वास्थ्य, डिजिटल और हरित विकास पर केंद्रित है। इंटरनेशनल सोलर अलायंस और कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेसिलियन्स इंफ्रास्ट्रक्चर, मोदी सरकार की प्रमुख पहल हैं। इसकी सफलता के लिए अफ्रीकी सहयोगी महत्वपूर्ण हैं।

भारत का मानना है कि अफ्रीका की वृद्धि, प्रगति और इसकी वास्तविक क्षमता की प्राप्ति, वैश्विक संतुलन को बनाए रखने के लिए जरूरी है।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित एस जयशंकर के लेख पर आधारित। 25 मई, 2022

Subscribe Our Newsletter