
सरकारी नौकरियां कम सुरक्षित होनी चाहिए
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हमारे देश में सरकारी नौकरियां बहुत ही सुरक्षित हैं। यही एक कारण है कि हर साल लाखों उच्च शिक्षित लोग निचले स्तर के सरकारी पदों के लिए आवेदन करते हैं। हमारे समाज में भी विवाह के लिए सरकारी कर्मचारियों को निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की अपेक्षा पसंद किए जाने का यह एक बड़ा कारण है।
वैश्विक स्तर पर भी कार्यकाल की ऐसी सुरक्षा एक प्रमुख विशेषता हुआ करती थी। लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव आया है। भारत में ऐसा नहीं हुआ है। इसके क्या नुकसान हैं, देखते हैं –
- कर्मचारियों की कार्यकुशलता और जवाबदेही सुनिश्चित नहीं हो पाती है।
- कर्तव्यों का निर्वहन न करने वाले कर्मचारी निश्चिन्त होकर डटे रहते हैं, क्योंकि अनुशासनात्मक प्रक्रिया इतनी लंबी और घुमावदार है कि कार्रवाई के समय तक आमतौर पर संबंधित हितधारक आगे बढ़ चुके होते हैं।
- कुल मिलाकर, कोई भी प्रशासन अपनी इच्छित गति से विकास नहीं कर पाता है।
तत्काल सुधार की आवश्यकता –
- एक कुशल, आधुनिक, सेवा उन्मुख नौकरशाही के लिए, अनुशासनात्मक कार्रवाई को तीन महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।
- सजा की मात्रा भी प्रभावी होनी चाहिए।
- भ्रष्टाचार, अकुशलता, डिलीवरी की कमी, अवज्ञा, घोर लापरवाही और लगातार अनुपस्थिति के लिए बर्खास्तगी या पदावनति जैसी बड़ी सजा को सरल बनाया जाना चाहिए।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 17 जून, 2024