सदी के अंत तक आबादी कम होने का क्या प्रभाव पड़ेगा
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हाल ही में प्रकाशित संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इस सदी के अंत तक विश्व की आबादी के 10.3 अरब होने का अनुमान है। इसका अर्थ है कि दुनिया में लोग कम होंगे, लेकिन वे लंबे समय तक जीवित रह सकने लायक होंगे। इसका अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
कुछ बिंदु –
- इससे लोग ज्यादा अमीर बन सकते हैं। ऑटोमेशन के साथ, कार्यबल के कम होने के बाद भी उत्पादकता में सुधार होगा। मानव को मिलने वाला आर्थिक अधिशेष बढ़ता जाएगा।
- आबादी कम होने से शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च कम होगा।
- भूख और बीमारी पहले जैसी गंभीर नहीं रह जाएगी।
- शहर कम होते जाएंगे।
- मुद्रास्फीति और बेरोजगारी खत्म हो जाएगी।
- भोजन, कपड़े और मकान की जरूरत कम होती जाएगी।
- 2080 के आसपास मानव आबादी के अपने चरम पर पहुंचने के बाद, अन्य प्रजातियों के विलुप्त होने की गति धीमी हो जाएगी।
- ऐसे समृद्धि के वातावरण में, व्यक्तिगत खुशी का हाल सही नहीं बताया जा सकता है। लंबे जीवनकाल और कामकाज के बीच के अंतर को बदलने से स्थितियां कम संतोषजनक हो सकती हैं।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स‘ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 13 जुलाई, 202