राजद्रोह कानून को खत्म किया जाना चाहिए
To Download Click Here.
भारत में राजद्रोह कानून की शुरूआत औपनिवेशिक काल में हुई थी। भारतीय दंड सहिता 1860 के कानून में धारा 124ए के तहत इसे जोड़ा गया था। इस धारा को उपनिवेश विरोधी आवाजों के विरूद्ध उपयोग में लाया जाता था।
हाल ही में पाकिस्तान ने इस कानून को समाप्त कर दिया है। 156 साल से जीवित इस कानून का उपयोग अलग-अलग सरकारों ने विपक्ष, पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और यहाँ तक कि छात्र प्रदर्शनकारियों सहित आलोचकों को डराने और चुप कराने के लिए किया है।
ज्ञातव्य हो कि अक्टूबर, 2022 में उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को इस धारा के तहत कोई भी नई प्राथमिकी दर्ज नहीं करने और कानून की समीक्षा करने के लिए अतिरिक्त समय दिया था।
पाकिस्तान ने इस कानून को खत्म करके प्रगतिशील कदम उठाया है। भारत में भी इसे जल्द-से-जल्द खत्म किया जाना चाहिए।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 01 अप्रैल, 2023