
पर्यटन बढ़ा, लेकिन घरेलू पर्यटन सुस्त क्यों?
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आर्थिक विकास और व्यय के योग्य बढ़ती आय के कारण, विदेश में छुट्टियां मनाने वाले भारतीयों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। मास्टर कार्ड इकोनॉमिक्स इंस्टीट्यूट के ‘ट्रैवल ट्रेंडस 2024 : ब्रेकिंग बाउंड्रीज’ के अनुसार इतने अधिक भारतीयों ने कभी इतनी अंतरराष्ट्रीय यात्राएं नहीं की हैं।
कुछ बिंदु –
- 2024 की पहली तिमाही में, 9.7 करोड़ लोगों ने यात्रा के लिए एयरपोर्ट का इस्तेमाल किया है। यदि एक दशक पहले की बात करें, तो इस संख्या तक पहुंचने में पूरा साल लग जाता था।
- विदेश भेजे जाने वाले धन के वार्षिक डेटा से पता चलती है कि वित्त वर्ष 2024 में प्रेषित धन 17 अरब डॉलर था। गत वर्ष की तुलना में इसमें 24% से अधिक की वृद्धि हुई है।
- वर्ष 2023 में भारत की इनबाउंड पर्यटन आय 28.07 अरब डॉलर थी। लेकिन इसमें घरेलू पर्यटन की स्थिति सुस्त थी।
- विश्व आर्थिक मंच के यात्रा और पर्यटन विकास सूचकांक में भारत की रैकिंग 2019 के 10वें स्थान से गिरकर 39 पर आ गई है। यानि कि घरेलू पर्यटन बुरी स्थिति में है।
उच्च व्यय क्षमता वाले विदेशी और देशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए क्या करना होगा –
- सुरक्षा, बुनियादी ढांचे, हवाई संपर्क, होटल आदि की सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की जानी चाहिए।
- टूर ऑपरेटर की मांग है कि फॉरेक्स आय पर उन्हें प्रोत्साहन दिया जाए।
- पर्यटन से जुड़ा मार्केटिंग फंड बढ़ाया जाना चाहिए।
भारत को एक सुखद, आरामदायक और सुरक्षित पर्यटन के लिए समस्याओं को दूर करने की जरूरत है।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 24 मई, 2024