नवाचार के क्षेत्र में ऊंची उड़ान भरता भारत

Afeias
01 Oct 2020
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Date:01-10-20

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हाल ही में जारी विश्व नवाचार सूचकांक में भारत की स्थिति शीर्ष 50 देशों में है। यह छलांग प्रशंसनीय है। इस सूचकांक में 80 मानदंडों के साथ 130 देशों को शामिल किया गया है।

क्षेत्र में सफलता के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु –

  • भारत ने शोध एवं अनुसंधान में अपना निवेश काफी बढ़ाया है। इससे काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एण्ड इंडस्ट्रीयल रिसर्च (सीएसआईआर) , इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (आईआईटी) , इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आई आई एस सी) , अनेक बायोटेक कंपनियों की नवाचार क्षमता बढ़ी है।
  • सूचकांक के अनुसार भारत अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में निर्यातक की भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
  • इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन की उपग्रह प्रक्षेपण , फार्मा में अनुसंधान की विकास दर तथा बायोटैक , बायोइंफार्मेटिक्स में विश्वस्तरीय अनुसंधान क्षमता को प्राप्त कर लिया गया है।
  • स्कूल और कॉलेजों में नीति आयोग के ‘अटल इनोवेशन मिशन’ और उद्यमिता के नीचे स्तर पर नवाचार को बढ़ावा दिया है। पाँच सरकारी विभागों के सहयोग से छोटे उद्यमों के लिए ‘अटल अनुसंधान एवं नवाचार योजना’ चलाई जा रही है।
  • सूचकांक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को अपने सकल घरेलू उत्पाद में शोध-अनुसंधान पर 0.85% के व्यय को बढ़ाना होगा। इस क्षेत्र में यह विश्व में किए जाने वाले व्यय की तुलना में बहुत कम है।

पिछले छः वर्षों में भारत ने यूआईडी , ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क का विस्तार , सरकारी काम के लिए ऑनलाइन सेवा विस्तार , डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर का विस्तार (इसमे लगभग 450 योजनाएं शामिल हैं) , अटल लैब का निर्माण और 50,000 से अधिक स्टार्टअप को प्रोत्साहन दिया है। आगे आने वाले पाँच वर्षों में देश का लक्ष्य सूचकांक के शीर्ष 20 देशों में अपना स्थान बनाना है। 2020 की नई शिक्षा नीति भी नवाचार के क्षेत्र में अभूतपूर्व साबित हो सकती है। भारत की युवा जनसंख्या को देखते हुए यहाँ आधुनिकतम तकनीकों का प्रयोग ,एक श्रेष्ठ मार्ग  प्रशस्त कर सकता है।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित राजीव कुमार और आर रामानन के लेख पर आधारित। 15 सितंबर , 2020