डिजीटल इंडिया के हित में

Afeias
30 Sep 2020
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Date:30-09-20

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पिछले तीन महीनों में भारत के भू-राजनीतिक संकट से उत्पन्न स्थितियों के चलते देश के डिजीटल पारिस्थितिकी ने बहुत उतार-चढ़ाव देखें हैं। इन सबके बीच अमेरिकन कंपनी गूगल और फेसबुक ने भारत में बड़े निवेश की घोषणा की है। इस कड़ी में भारतीय स्टार्टअप्स को नजरअंदाज किया जा रहा है। चीन का विकल्प बनती अमेरिकी कंपनियों से भारतीय डिजीटल जगत को बचाना बहुत जरूरी है। इसके लिए निम्न कदम उठाए जा सकते हैं –

  1. भारत को सभी देशों से निवेश का स्वागत करना चाहिए , चाहे वह चीन हो या अन्य कोई पड़ोसी देश हो। इससे पहले यह सुनिश्चित कर लिया जाना चाहिए कि अंतिम प्रबंधन और निर्णय का अधिकार भारत के नियंत्रण में ही रहेगा। इसके लिए कंपनी के बोर्ड में भारतीयों का बाहुल्य होना चाहिए।
  1. डेटा भंडारण और प्रोसेंसिंग का स्थानीयकरण और कंपनी के निर्णायक मंडल से जवाबदेही को सुनिश्चित करना होगा।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गूगल और फेसबुक जैसी अमेरिकी कंपनियों के उपभोक्ता भारत में अधिक हैं , फिर भी इनकी जवाबदेही अमेरिकी संसद के प्रति है।

इस समय भारत के पास अवसरों की कमी नहीं है। अमेरिका का उदाहरण लेते हुए भारत को निवेश के इच्छुक देशों के लिए अपने द्वार खोल देने चाहिए। अमेरिका ने पूंजी-प्रवाह बढ़ाने के लिए निवेशकों और उद्यमियों के लिए कई आकर्षण रखे हैं। परंतु वह भी बाहरी कंपनियों पर नियंत्रण की दिशा में कदम उठा रहा है।

आर्थिक तौर पर भारत स्वदेशी कंपनियों को प्रतिस्पर्धा का सामना करने और निवेश आकर्षित करने के लिए इतना सशक्त बनाए कि ये भारत में रोजगार के अवसरों में वृद्धि करके देश की अर्थव्यवस्था की वाहक बन सकें।

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित लेख पर आधारित। 15 सितम्बर, 2020

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