नाम में क्या रखा है

Afeias
20 Jun 2023
A+ A-

To Download Click Here.

हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया है कि नाम बदलना एक मौलिक अधिकार है।

इस मामले में एक व्यक्ति का नाम बदलने के बाद यूपी शिक्षा बोर्ड ने स्कूल प्रमाणपत्रों में ऐसा बदलाव करने के आवेदन को खारिज कर दिया था। अदालत ने इस अस्वीकृति को मनमाना और कानूनी रूप से गलत पाया है। न्यायालय का कहना है कि ‘नाम प्रत्येक मनुष्य को एक विशिष्ट पहचान प्रदान करता है’। और इसे चुनना या बदलना संवैधानिक रूप से संरक्षित स्वतंत्रता है। साथ ही इस पर केंद्र और राज्य सरकार के बीच पूरा तालमेल होना चाहिए।

  1. सीबीएई के उपनियम इसकी अनुमति देते हैं, तो यूपी बोर्ड मना करता है।
  1. स्कूल प्रामणपत्र के बाद आधार, राशनकार्ड, वोटर आईडी आदि के लिए नाम बदलने की अनुमति दी जाती है।

विवाह पश्चात् महिलाओं और मशहूर हस्तियों के नाम बदले जाने के मामले आम हैं।

चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में यह सामान्य प्रचलन है। वे लोग पूर्व और पश्चिम में प्रचलित अलग-अलग तरह के नाम रखते हैं। भारत में धर्म और जाति को चिन्हित करने वाले नामों को अक्सर बदला जाता है। अंकविद्या के आधार पर भी बहुत से लोग अपना नाम बदल लेते हैं। कई बार तो कलाकृति की अधिक अच्छी व्याख्या के लिए उसे नाम दिए बिना ही छोड़ दिया जाता है।

प्रत्येक व्यक्ति की असंख्य पहचानों में से, नाम केवल एक छोटे से हिस्से को ही संप्रेषित कर सकता है। लेकिन अगर यह संकट पैदा करने वाला है, तो इसे बदलने का प्रावधान होना अच्छा और महत्वपूर्ण है।

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 3 जून, 2023

Subscribe Our Newsletter