महिला स्वयंसेवकों को उचित देय मिले

Afeias
01 Feb 2021
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Date:01-02-21

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कोविड महामारी ने बहुत से सामाजिक और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका से सरकार और जनता , दोनों को ही भलीभांति अवगत करा दिया है। देश में लगभग एक लाख आशा (ए एस एच ए) , 13 लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 12 लाख सहायक काम कर रहे हैं। लॉकडाउन के दौरान वायरस के प्रकोप से आशंकित और भयभीत जनता के बीच इन संगठन की महिलाओं ने बहुत ही सार्थक भूमिका निभाई है। महिला कार्यकर्ता , समाज में लोगों से जुड़ने में अधिक सफल होती हैं , क्योंकि वे भावना के स्तर पर भी बेहतर काम कर सकती हैं। सरकार ने शायद इन तथ्यों का संज्ञान नहीं लिया है। जब भी महिला कार्यबल की भर्ती या नियुक्ति का संदर्भ आता है , इनकी तदर्थ नियुक्ति की बात की जाती हैं। इन्हें न्यूनतम वेतन , छुट्टी और काम के दौरान मिलने वाली अन्य सुविधाएं नहीं दी जाती हैं।

सामुदायिक कार्यकर्ताआ की अनेक याचिकाओं के बाद भी सरकार ने इनकी मांगें नहीं मानी हैं। श्रम पर बनी संसदीय स्थायी समिति ने भी इन कार्यकर्ताओं के काम को औपचारिक क्षेत्र में लाने की सिफारिश की थी , परंतु नहीं सुना गया।

अपने कार्य के स्वरूप से इन महिलाओं को इतना ही लाभ मिल सका है कि वे सरकारी मशीनरी का हिस्सा समझी जाने लगी हैं। इसके कारण घर से बाहर निकलने और जगह-जगह जाने पर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों से इन्हें राहत मिल जाती है। सामुदायिक महिला कार्यकर्ताओं के लिए यह एक सकारात्मक पक्ष है।

कोविड की वैक्सीन के आने के साथ ही कहीं ऐसा न हो कि सरकार इनकी अनदेखी करना शुरू कर दे। यही सर्वोत्तम  समय है , जब इनके कार्य के महत्व को ध्यान में रखते हुए सरकार इन्हें कार्यबल का हिस्सा मानकर इनकी मांगों को सुने और जहाँ तक संभव हो पूरा भी करे।

श्रम बाजार में महिला श्रमिकों को नीचे दर्जे का समझा जाता रहा है। इस पूरी प्रक्रिया में सरकार भी एक भागीदार है। महिला कार्यबल की भागीदारी का मुद्दा कोविड से पहले भी उतना ही गंभीर था।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी के डेटा बताते हैं कि महामारी के चलते महिलाओं के रोजगार पर खासा प्रभाव पड़ा है। यह वह समय है , जब सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र में देखभाल से जुड़े कार्यकर्ताओं को पहचान दे। इससे घरेलू कामकाज में लगी अनेकों महिलाओं को भी अस्तित्व की एक नींव मिल सकेगी।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित नीता एन के लेख पर आधारित। 12 जनवरी, 2021