‘कृषक’ को पुनर्परिभाषित करना होगा

Afeias
28 Sep 2020
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Date:28-09-20

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किसानों के लिए चलाई जा रही नकद हस्तांतरण और किसान क्रेडिट कार्ड योजना से किसानों को बहुत लाभ पहुँचा है। प्रधानमंत्री किसान योजना के लाभों को प्राप्त करने के लिए भूमि दस्तावेजों के अनुसार कृषि योग्य भूमि का मालिकाना हक होना अनिवार्य है। अतः इस योजना में ‘लाभार्थी’ की परिभाषा को लेकर अनेक विवाद चल रहे हैं। तमिलनाडु में तो योजना की अस्पष्टता का लाभ उठाते हुए बड़ी धांधलेबाजी भी हुई है।

कुछ तथ्य

  • परंपरागत रूप से तो भारत की लगभग सभी कृषि योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए किसान का भू-मालिक होना एक अनिवार्य शर्त मानी जाती है।
  • पट्टे पर भूमि देने संबंधी कानून 2016 में बनाया गया था , परंतु कुछ ही राज्यों ने इसे अपनाया है।
  • 2015-16 की कृषि जनगणना के अनुसार , बड़ी संख्या में कृषि भूमि पट्टे पर दी गई है। कृषि के क्षेत्र में व्याप्त असंतोष अधिकतर काश्तकारों में देखने को मिलता है। इसके स्पष्ट कारण हैं। ये काश्तकार भूमि का किराया देने के साथ ही अन्य व्यय का भार उठाते हैं , और उपज से जुड़ा खतरा भी उठाते हैं। सब्सिडी एवं अन्य योजनाओं को लाभ भू-मालिक को मिलता है। पट्टेदारों को ऋण माफी , अधिस्थगन और संस्थागत ऋण का भी लाभ नहीं मिलता है।
  • सरकारी दस्तावेजों में ‘किसान‘ को विभिन्न प्रकार से परिभाषित किया गया है।
  • कृषि परिवारों की स्थिति पर किए गए 70 वें राउंड के सर्वेक्षण में ‘किसान’ के लिए पारिभाषित मानदंड के रूप में भूमि को अलग रखा गया था। इसमें कृषि परिवारों को पिछले 365 दिनों के दौरान कृषि गतिविधियों से कुछ मूल्य या आय प्राप्त करने वाले लोगों के रूप में परिभाषित किया गया था।
  • इसी तरह , 2007 में किसानों के लिए बनी राष्ट्रीय नीति , ‘भूमि के स्वामित्व’ के साथ-साथ ‘उपज के मूल्य’ से स्वतंत्र एक व्यापक परिभाषा अपनाती है।

इस परिभाषा में कृषि और उससे संबंधित गतिविधियों में शामिल सभी लोगों , लकडी के अलावा वनोपज की खेती और संग्रह करने वाले लोग भी शामिल हैं।

70वें सर्वेक्षण की यह परिभाषा उचित प्रतीत होती है। एक किसान को परिभाषित करने के लिए इसे और अधिक परिष्कृत किया जा सकता है। जिस इंसान की आय का मुख्य स्रोत कृषि हो , उसे ही कृषक माना जाना चाहिए केवल मालिकाना हक को नहीं रखा जाना चाहिए।

‘द हिंदू’ में प्रकाशित एम. मंजूला  और पी. इंदिरा देवी के लेख पर आधारित।