कामकाजी औरतों को सुरक्षा देने हेतु प्रावधान
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हाल ही में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल हत्याकांड और केरल फिल्म उद्योग पर आई हेमा समिति की रिपोर्ट, कार्यस्थल पर महिलाओं की असुरक्षा को लेकर एक स्याह तस्वीर दिखाती है। लेकिन यह भी सच है कि महिलाओं के हित में कई काम किए गए हैं; जिनका लाभ उनको कार्यस्थलों पर मिला है।
कुछ बिंदु –
– महिलाओं को सबसे बड़ी ताकत भारतीय संविधान से मिली है। संविधान सभी भारतीयों को विधि के समक्ष समानता (अनुच्छेद 14) का अधिकार देता है।
– लैंगिक आधार पर विभेद न करने (अनुच्छेद 15 (U)) और राज्य को महिलाओं के पक्ष में विशेष उपबंध कर सकने (अनुच्छेद 15 (3)) की गारंटी देता है।
– अनुच्छेद 51 (अ) के तहत महिलाओं की गरिमा के विरूद्ध अपमानजनक व्यवहार को निषिद्ध (मनाही) किया गया है।
– महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनिमय, 2013 जैसे कानूनों से उन्हें विधायी ताकत भी दी गई है।
– कार्यस्थलों पर महिलाओं के लिए अलग से शौचालय, स्तनपान कक्ष और सुरक्षा के अन्य उपाय किए गए हैं।
– कार्यस्थलों से महिला कर्मियों को घर भेजने के लिए कंपनी को सुरक्षा गार्ड के साथ वाहन की व्यवस्था करनी पड़ती है।
– कार्यस्थलों पर महिलाओं के हित में शिकायत समितियों का गठन किया जाने लगा है।
– महिला सहकर्मियों के साथ शालीनता से पेश आने से जुड़े जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, और व्यावहारिक प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
विभिन्न समाचार पत्रों पर आधारित। 4 सितंबर, 2024