जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल काम
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जलवायु परिवर्तन का खतरा पूरी दुनिया पर मंडरा रहा है। लेकिन अमेरिका जैसे देश में यह राजनीति का मुद्दा बना हुआ है, और भारत में यह पर्यावरण से जुड़ी जोखिम भरी परियोजनाओं को स्वीकृति देने का मामला बना हुआ है।
तूफानों पर राजनीति – अमेरिका में हाल ही में आए दो तूफानों से हुई तबाही को वहाँ की रुढ़िवादी रिपब्लिकन पार्टी सत्तासीन दल की आधिकारिक अक्षमता का परिणाम मान रही है। वह इस वैज्ञानिक सच्चाई को मानने से इंकार करती है कि जलवायु परिवर्तन ने तूफानों को अधिक शक्तिशाली बना दिया है।
भारत की विपरीत नीतियां –
अमेरिका के विपरीत, भारत की आपदा प्रबंधन प्रतिक्रिया सराहनीय रही है। यहाँ के राजनीतिक दलों में जलवायु परिवर्तन के बारे में कोई ध्रुवीकरण वाली बहस भी नहीं होती है। लेकिन यहाँ सभी सरकारें जलवायु परिवर्तन को उत्तेजित करने वाले हानिकारक कार्यों को हरी झंडी देना जारी रखती हैं; चाहे वह अरावली में आवासीय परियोजना हो, या चार धाम या पश्चिमी घाट हो। केंद्र सरकार आपदाओं को कम करने का प्रयास कर सकती है, लेकिन वह आपदाओं को बढ़ाने में भूमिका निभा रही है।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 14 अक्टूबर, 2024