
हरित ऊर्जा में भारत
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भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक नेता की भूमिका निभा रहा है। निरंतर निवेश और नवाचार के साथ यह आत्मनिर्भर अक्षय ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में जुटा है। वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में हम अमेरिका व चीन के बाद तीसरा स्थान रखते हैं।
हरित ऊर्जा में हमारी वर्तमान स्थिति –
- वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र पर नजर रखने वाली संस्था ‘एम्बर्स ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू’ की छठी रिपोर्ट के पिछले साल वैश्विक स्तर पर पवन व सौर ऊर्जा बिजली उत्पादन का 15% उत्पादित किया गया। वहीं नवीकरणीय व परमाणु ऊर्जा स्रोतों से 40.9% विद्युत उत्पादित की गई। 2024 में भारत ने पवन व सौर ऊर्जा से विश्व में बनाई जाने वाली ऊर्जा का 10% उत्पादित किया।
- 2030 तक हम 500 गीगावाट गैर जीवाश्म ऊर्जा प्राप्त करना चाहते हैं। 100 गीगावाट स्थापित सौर ऊर्जा का निर्माण हम पार कर चुके हैं।
- 2014 में सौर ऊर्जा से 2.82 गीगावाट बिजली उत्पादन हो रहा था, जो 31 जनवरी 2025 तक 100.33 गीगावाट हो गया। यह एक दशक में 34.5% की वृद्धि दर्शाता है।
- वर्तमान में 84.10 गीगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर काम चल रहा है। 47.49 गीगावाट की परियोजनाएँ निविदा प्रक्रिया के चरण में हैं।
- भारत में हाइब्रिड और ‘राउंड द क्लॉक’ नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में वृद्धि देखी जा रही है। ‘राउंड द क्लॉक’ का अर्थ ऐसी परियोजनाओं से है, जो 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराती हैं।
- पिछले 10 वर्षों में सौर पैनल, सौर पार्क और रूफटाप सौर परियोजनाओं जैसी पहल से ये क्रांतिकारी बदलाव हुए हैं।
हमारे नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य –
- पेरिस जलवायु समझौते के तहत 2030 तक सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता 45% तक घटाना और गैर-जीवाश्म ईंधन का 50% बिजली उत्पादन शामिल है।
- कॉप – 26 में भारत ने पंचामृत के तहत 500 गीगावाट की गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
- यदि हम अपनी ऊर्जा मांग को अपने दम पर पूरा करना चाहते हैं, तो 2040 तक 15,820 टेरावाट (10 खरब वॉट) उत्पादन होना चाहिए। अक्षय ऊर्जा इसमें एक अहम भूमिका निभाएगा।
राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संस्थान का अनुमान है कि यदि देश की कुल बंजर भूमि के 3% क्षेत्र पर सोलर पैनल्स लगा दिए जाएं, तो 748 गीगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकता है।