घटती जनसंख्या : समाधान भी, समस्या भी

Afeias
18 Jan 2022
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भारत की प्रजनन दर तेजी से घट रही है। प्रजनन दर यानि एक दंपत्ति द्वारा जन्में बच्चों की औसत संख्या को देखें, तो यह 2019 में 2 पर आ चुकी थी। वैश्विक औसत की तुलना में यह काफी कम है। इसका सीधा सा अर्थ है कि भारतीय परिवारों का आकार संकुचित हो रहा है। महत्वपूर्ण यह है कि विश्व स्तर पर नियंत्रित प्रजनन दर के लिए पहचान रखने वाले बांग्लादेश ने जहाँ इस औसत पर पहुंचने में 17 वर्ष लगाए, वहीं भारत को 14 वर्ष लगे। इसके प्रभाव को कुछ बिंदुओं में समझा जा सकता है –

उत्सव मनाने का समय –

  • महिलाओं का अपने जीवन पर अधिकार बढ़ गया है।
  • पिछले 15 वर्षों में, 18 वर्ष से पहले महिलाओं की शादी के मामले आधे हो गए हैं।
  • 2005-06 से लेकर अब तक किशोरियों के माँ बनने की संख्या में बहुत कमी आई है।
  • पिछले डेढ़ दशक में, पारिवारिक निर्णयों में महिलाओं की भूमिका 37% से बढ़कर 89% हो गई है।
  • बढ़ते शहरीकरण से भी परिवार के आकार छोटे हुए हैं। शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर एक भारतीय परिवार का खर्च बहुत ज्यादा है। इस ओर सरकारी निवेश की कमी ने बच्चों की संख्या को नियंत्रित करने पर मजबूर कर दिया है।

कम प्रजनन दर का अर्थ कम जनसंख्या –

  • हाल ही के दो अध्ययनों के अनुसार 2040 और 2048 के बीच भारत की जनसंख्या अपने चरम पर होगी। इसके बाद यह तेजी से घटने लगेगी।

वर्तमान में भी लगभग 20 देशों की जनसंख्या कम होती जा रही है। एक अनुमान के अनुसार अगले 80 वर्षों में चीन की जनसंख्या आधी रह जाएगी।

  • भारत को प्रजनन दर कम होने की चिंता इसलिए भी करनी चाहिए क्योंकि –

– यहाँ शिशु मृत्यु दर अधिक है।

– जीवन प्रत्याशा दर कम है।

– भारत में बौने और कम वजन वाले बच्चों की संख्या सर्वाधिक है।

– 2011 में 15-34 वर्षीय युवाओं की संख्या सबसे अधिक थी, जो अब लगातार कम होती जा रही है। इसका अर्थ है कि  यहाँ सेवानिवृत और निर्भर लोगों का प्रतिशत बढ़ जाएगा , और हम कभी भी विकसित देशों के स्तर की बराबरी नहीं कर पाएंगे। यही कारण है कि चीन ने अपनी एक संतान की नीति को छोड़ दिया है।

इस समस्या से निपटने के लिए भारत को शिशु मृत्यु दर पर लगाम कसनी चाहिए। उन्हें स्वस्थ और शिक्षित वयस्कों के रूप में विकसित करना ही लक्ष्य होना चाहिए। स्वस्थ और शिक्षित राष्ट्र ही अग्रणी भूमिका निभा सकता है।

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित रोहित सरन के लेख पर आधारित। 3 जनवरी, 2022

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