जेन जी का विद्रोह और भारत के लिए सबक
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हाल ही में आयोजित सरदार पटेल स्मृति व्याख्यान में देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने कहा कि बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका में सरकारों के गिरने में शासन व्यवस्था प्रमुख कारण रही।
जेन-जी (सन् 1997-2012 के बीच पैदा हुई पीढ़ी) ने यह आंदोलन इंडोनेशिया, फिलिपिंस, केन्या, मोरक्को, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल में और हाल ही में मेडागास्कर में किया। एक सामान्य प्रतीक मसलन फूस से बनी टोपी पहने एक हंसती खोपड़ी इन प्रदर्शनों का मुख्य प्रतीक बनती जा रही है।
इन विद्रोह के प्रमुख कारण –
- इन विद्रोहों की तत्कालिक प्रेरणा भिन्न-भिन्न हो सकती है, पर व्यापक वजह भ्रष्टाचार रही है।
- युवाओं के विद्रोही मिजाज का कारण अवसरों की कमी और सेवाओं की खराब गुणवत्ता है।
- सोशल मीडिया से युवाओं में यह जागरूकता आई कि अभिजात्य सरकारें कितनी निष्प्रभावी और भ्रष्ट हैं तथा उनका जीवन बर्बाद कर रही है।
भ्रष्टाचार सूचकांक से निकलते कुछ निष्कर्ष –
- ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल हर वर्ष भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक प्रकाशित करता है। यह सूचकांक 180 देशों में भ्रष्टाचार को लेकर कारोबारियों की धारणा पर आधारित होता है।
- इस सूचकांक में बांग्लादेश का 150वां, मेडागास्कर का 140वाँ, श्रीलंका का 121वाँ, नेपाल का 107वाँ स्थान है और इन सभी देशों पर जेन-जी के विद्रोह हुए है।
- पाकिस्तान व मेक्सिको में भ्रष्टाचार का स्तर बहुत ज्यादा है।
- चीन, द.कोरिया, ताइवान और वियतनाम में भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों में काफी सुधार देखने को मिला है। लेकिन इंडोनेशिया, फिलिपींस और थाईलैंड में यह नजर नहीं आया।
इस विद्रोह से भारत के लिए सबक –
- भारत इस सूची में 96वें स्थान पर है। 2014 के बाद स्थिति कुछ सुधरी थी किन्तु वर्तमान स्थिति 2014 के स्तर की ही है।
- यह स्कोर व्यवसायों की धारणा पर आधारित होता हैं, लेकिन नागरिकों का क्या, जिन्हें अपने दैनिक जीवन में बिल, लाइसेंस आदि हर जगह भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल के 2020 के ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर में सरकारी अधिकारियों के संपर्क में आये लोगों पर एक सर्वेक्षण किया गया था। इसमें 39% भारतीयों ने रिश्वतखोरी की बात कही। यह प्रतिशत बांग्लादेश, नेपाल व श्रीलंका से भी अधिक है।
- बिल-भुगतान व टैक्स फाइलिंग के डिजिटिलीकरण के बावजूद भारतीय नागरिकों को इस भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है। इलेक्टोरल बांड बिना पारदर्शिता के राजनीतिक फंडिग का अवसर प्रदान करते है।
- पुलिस से काम व न्यायिक प्रक्रिया में भी हमें भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता है।
इन सब का अर्थ यह नहीं है कि जेन-जी का विदोह भारत में भी होगा। पर भारत को बेरोजगारी व भ्रष्टाचार पर बेहतर तरीके से निशाना साधना होगा, जो नागरिकों पर भारी कर की तरह प्रभाव डालता है।