एक प्रतिगामी राजकोषीय नीति

Afeias
12 Feb 2021
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Date:12-02-21

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आर्थिक सर्वेक्षण की नवीनतम पुनरावृत्ति में नीतिगत बहस के अनेक आयाम अंतर्निहित हैं। प्रथम सोपान में कई महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया जाना है। इनमें राजकोषीय नीति और बैंकिंग विनियमन से लेकर नवाचार और प्रक्रिया सुधार को बढ़ावा देना शामिल है। इसमे वैश्विक रेटिंग एजेंसियों द्वारा किए जाने वाली क्रेडिट रेटिंग का गहन मूल्यांकन भी शामिल है, ताकि उनके निष्कर्षों को खारिज किया जा सके और सरकार व अन्य निवेशकों से आग्रह किया जा सके कि वे राजकोषीय नीति के विस्तार पर उनके विरोध को अनदेखा कर सकें।

सर्वेक्षण के केंद्रीय विषय के तौर पर सरकार के पास निवेश पर खर्च बढ़ाने के लिए फंड की समस्या को रखा जा रहा है। क्या वह उधार ले ? क्या वह निजी निवेश में तेजी से बढ़ोत्तरी करे ? क्या इससे विदेशी निवेश कम हो जाएंगे ? दरअसल, यह सर्वेक्षण सरकार की उधार लेने या खर्च करने की नीतियों के प्रति अपने संदेश का समर्थन करने के लिए सैद्धांतिक और अनुभवजन्य शोध का एक उत्कृष्ट सर्वेक्षण प्रस्तुत करता है। अतः आलोचकों की चिंताओं पर अधिक ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए।

जब तक विकास दर, ब्याज दर से अधिक रहती है, तब तक सरकारी ऋण सकल घरेलू उत्पाद के गिरते अनुपात को जारी रख सकता है , अर्थात् ऋण टिकाऊ होता है। सरकार ने महामारीजनित मंदी के शुरूआती चरणों में खर्च नहीं किया , क्योंकि आपूर्ति की प्रतिक्रिया लॉकडाउन और प्रतिबंधों से हिली हुई थी। परंतु अब सामान्य होती स्थितियों और वैक्सीन के सफलतापूर्वक लगने के साथ, सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर निवेश से अर्थव्यवस्था पर गुणक प्रभाव होगा।

रेटिंग एजेंसियाँ हमेशा से ही भारत और अन्य उभरते बाजारों के प्रति एक धारणा बनाकर चलती रही हैं। वे पोर्टफोलियो फ्लो को तो प्रभावित कर सकती हैं, लेकिन विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को नहीं।

ऋण की अदायगी के लिए तेजी से बाहर निकलने के लिए सर्वेक्षण के आह्यन का अर्थ है कि बैंकों को पुनः पूंजीकृत करने हेतु संसाधन जुटाने का अतिरिक्त बोझ बढ़ाना होगा। इसका अर्थ है कि अधिक उधार लेना होगा। एक बेहतर विकल्प यह है कि बैंकों को ही बाजार से पूंजी जुटाने का भार दे दिया जाए। असल मुद्दा बैंकों के दुरूस्त प्रशासन और सुपरविजन का है, मालिकाना हक को लेकर नहीं है। इससे अलग तरह के निवेश को आकर्षित किया जा सकता है।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित सम्पादकीय पर आधारित। 30 जनवरी 2021  

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