धन संचय में लैंगिक असमानता की स्थिति

Afeias
28 Nov 2022
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समाज में कई क्षेत्रों में लैंगिक असमानता की बात की जाती रही है। हाल ही में एक बड़ी वैश्विक कंपनी की ग्लोबल जेंडर वैल्थ इक्विटी रिपोर्ट आई है, जिसमें सेवानिवृत्ति के बाद जमा पूंजी मामले में पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं को कमजोर बताया गया है। यह रिपोर्ट 39 देशों पर आधारित है।

सामान्य रूप से सेवानिवृत्ति के समय पुरूषों की तुलना में महिलाओं के पास 74% पूंजी जमा होने की उम्मीद की जाती है। इस अंतर का मुख्य कारण महिलाओं को कम वेतन मिलना तथा घरेलू देखभाल वाले कामों के कारण उनका करियर देर से शुरू होना बताया जाता है। लैंगिक असमानता सबसे ज्यादा वरिष्ठ पदों पर आकर बढ़ जाती है। यहाँ तक कम ही महिलाएं पहुंच पाती हैं, और यही दौर अच्छे वेतन या धन अर्जन का होता है।

भारत के परिपे्रक्ष्य में-

  • यहाँ सेवानिवृत्ति के समय पुरूषों की तुलना में महिलओं के पास 64% धन जमा होने की उम्मीद की जाती है। एशिया प्रशांत क्षेत्र के 12 देशों में यह सबसे खराब स्थिति है।
  • यहाँ की केवल 3% महिलाएं ही वरिष्ठ पदों पर पहुंच पाती हैं।

अगर हम अर्जेंटीना की बात करें, तो वहाँ योग्य महिलाओं के शीर्ष पदों पर अपेक्षाकृत अधिक होने के बावजूद भारत की तुलना में स्थिति बदतर है। वहाँ की अर्थव्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है। कीमतें बहुत बढ़ी हुई हैं। मुद्रास्फीति बेलगाम है।

कुल मिलाकर देखें, तो अन्य कारणों के अलावा महिलाओं में वित्तीय साक्षरता की कमी भी धन संचय पर विपरीत प्रभाव डालती है। वित्तीय असमानता का यह खेल, अन्य असमानताओं से जुड़ा हुआ है। इसका समाधान भी तभी हो सकता है, जब अन्य असमानताआं को ठीक किया जा सके।

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 5 नवबंर, 2022

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