दलबदल को बढ़ाता दलबदल विरोधी कानून

Afeias
09 Jun 2024
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दलबदल विरोधी कानून सन् 1985 में लागू किया गया था। आशा थी कि इससे दलबदल की घटनायें यदि रुक नहीं सकेंगी, तो काफी कम तो अवश्य हो जायेंगी। लेकिन हो इसके विपरीत रहा है। और इसका मुख्य कारण परिच्छेद 4 का प्रावधान है। इसके अनुसार यदि दल से अलग हुए विधायक समूह का किसी अन्य दल में विलय नहीं होता है, या एक अलग दल नहीं बन पाता हैं, तब भी विधायक अपात्र नहीं होंगे।

पिछले वर्ष महाराष्ट्र राज्य की विधानसभा में दल बदलने की हुई घटनायें इसका प्रमाण हैं।

वर्तमान में अधिकांश मामलों में देखा यह जा रहा है कि किसी भी दल के एक-तिहाई विधायक अपनी पार्टी से अलग हो जाते हैं। बाद में ये अलग हुए समूह किसी अन्य पार्टी में अपना विलय कर देते हैं।

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