भारत – म्यांमा संबंध

Afeias
04 Sep 2016
A+ A-

CC 05-Sep-16Date: 05-09-16

 To Download Click here.

म्यांमा में 57 वर्षों के सैनिक शासन के बाद हाल ही में प्रजातांत्रिक सरकार का गठन हुआ है। राष्ट्रपति पद संभालने के बाद तिन क्यॉव का अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत को चुनना महत्वपूर्ण है। गौरतलब है कि म्यांमा में आंग सान सू ची की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की सरकार बनी है। सरकार की विदेश मंत्री आंग सान सू  अपनी पहली विदेश यात्रा पर चीन गई थीं।

  • म्यांमा के राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान दोनों देशों ने सूचना, औषधि एवं अक्षय ऊर्जा के अलावा कृषि, बैंकिंग और बिजली सहित कई अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए सहमति-पत्रों पर हस्ताक्षर किए।
  • भारत म्यांमा के साथ उग्रवाद प्रभावित नागालैंड और मणिपुर सहित कई पूर्वोत्तर राज्यों से करीब 1640 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। म्यांमा में पूर्वोत्तर के कई उग्रवादी संगठनों की मौजूदगी का मुद्दा भारत उठाता रहा है। अब दोनों देशों ने माना है कि उनकी सुरक्षा के हित करीबी तौर पर जुड़े हुए हैं और वे क्षेत्र में आतंकवादी व उग्रवादी गतिविधियों के मुकाबले के लिए मिलकर काम करेंगे।
  • दोनों देश दालों के व्यापार में एक दीर्घकालिक और लाभदायक व्यवस्था की दिशा में काम करने पर सहमत हुए हैं।
  • चीन भी म्यांमा में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहा है। वह कई प्रमुख परियोजनाओं में बड़े निवेश कर रहा है। चीन का निवेश व्यावसायिक दृष्टिकोण रखता है। भारत ने म्यांमा के साथ जिन विकास परियोजनाओं पर समझौते किए हैं, उनके लिए उसका दृष्टिकोण सहायता या अनुदान वाला है। साथ ही वह वहाँ प्रशिक्षण कार्यक्रम, सूचना-तंत्र तकनीक में वृद्धि एवं अन्य विशेषज्ञता वाले कार्यक्रम चलाना चाहता है।
  • दोनों देशों ने जिन समझौतों पर दस्तखत किए हैं, उनसे 69 पुलों और भारत-म्यामां-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग परियोजना के कलेवा-यारगी खंड का निर्माण एवं उन्नयन हो सकेगा।
  • भारत-म्यामां के संबंध मुख्यतः ‘साफ्ट-पावर’ आधारित हैं। बौद्ध धर्म, योग एवं सिनेमा ऐसे ही सांस्कृतिक आधार रखते हैं। म्यांमा के बागन में भारत के सहयोग से आनंदा मंदिर फिर से अस्तित्व में आ रहा है।
  • भारत ने पिछले हफ्ते के भूकंप से क्षतिग्रसत म्यांगा के ऐतिहासिक एवं पैगोडाओं को बहाल करने की पेशकश की है।
  • म्यामां में प्राकृतिक गैस एवं खनिज पदार्थों के विपुल भंडार हैं। भारत इसके लिए सहायक हो सकता है।

विभिन्न समाचार पत्रों पर आधारित