चीनी ड्रैगन के कब्जे में मालदीव

Afeias
27 Mar 2024
A+ A-

To Download Click Here.

मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैनिकों को हटाने की ठान ली है। साथ ही उन्होंने रक्षा सहयोग पर चीन से समझौता कर लिया है।

संबंधित बिंदु –

  • मुइज्जू को अगर लगता है कि उनका नया दोस्त चीन समर्थन कर रहा है, तो उन्हें श्रीलंका की बेहाली से सबक लेकर सचेत हो जाना चाहिए।
  • जाम्बिया में, अरबों रुपए की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए चीनी डॉलर के ऋण ने देश के विदेशी मुद्रा भंडार को खत्म कर दिया है।
  • पाकिस्तान लगातार चीनी कर्ज के बोझ तले जूझ रहा है।
  • किसी भी देश में चीन की घुसपैठ विध्वसंक सिद्ध हो सकती है। वहाँ का यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट मालदीव के संस्थानों में घुसपैठ कर सकता है।

मालदीव के राष्ट्रपति स्वतंत्र चुनावों के द्वारा निर्वाचित हुए हैं। अब वे एक ऐसी शक्ति को साथी बना रहे हैं, जिसने ताईवान जैसे कई लोकतंत्रों का मजाक बना रखा है। मालदीव के राष्ट्रपति को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए कि कहीं वे अपने देश को चीनी शक्ति के हाथों बेच तो नहीं रहे हैं।

द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 7 मार्च, 2024