बॉम्बे उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण कदम

Afeias
09 May 2024
A+ A-

To Download Click Here.

  • हाल ही में बॉम्बे उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय जैसी संस्थाओं द्वारा जांच में इस्तेमाल लाए जाने वाले तरीकों पर उंगली उठाई है।
  • इन तरीकों में किसी व्यक्ति को पूछताछ के लिए देर रात बैठाया जाता है। न्यायालय ने कहा है कि किसी व्यक्ति को नींद से वंचित करना बुनियादी मानवाधिकारों का उल्लंघन है। संदिग्धों और गवाहों को कानून से इस अधिकार की गारंटी मिली हुई है।
  • दूसरे, जांच के लिए किसी व्यक्ति को डराना-धमकाना भी गलत बताया गया है। यह शक्ति या बल की रणनीति दिखाने के अलावा किसी काम का नहीं है।

जांच के दौरान जोर इस बात पर दिया जाना चाहिए कि जांच की विधियां बेहतर परिणाम दे सकें। इसे पूर्वाग्रहित न करें। न्यायालयों को भी न्यायिक रिमांड की अवधि जैसे मुद्दों पर निर्णय लेते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 17 अप्रैल, 2024

Subscribe Our Newsletter