भारत में पर्यटन क्यों नहीं बढ़ पाता है?
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भारत में पर्यटक स्थलों की कमी नहीं है। लेकिन यहां स्मारकों, संग्रहालयों और प्रकृति को संरक्षित करने का काम खराब और कभी-कभी घटिया भी होता है।
कुछ बिंदु –
- हाल ही में आगरा में 17वीं शताब्दी की मुगल काल की मुबारक मंजिल के एक बड़े भाग को ढहा दिया गया। इसे औरंगजेब ने बनाया था। पुरातत्व विभाग के संरक्षण का नोटिस देने के बाद भी इसकी कोई कद्र नहीं की गई।
- गत वर्ष, उच्चतम न्यायालय ने जिम कार्बेट नेशनल पार्क के अंदर छह हजार से ज्यादा पेड़ों की कटाई पर बहुत हैरानी दिखाई थी।
- भारत में 43 यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स, अनेकों जंगल सफारी, पर्वतीय सुंदरता और खूबसूरत समुद्री तट हैं। फिर भी छोटे से दुबई में पर्यटकों की संख्या भारत से ज्यादा रहती है। यह अलग बात है कि इनमें से ज्यादातर भारतीय होते हैं। आखिर उन्हें भारत के पर्यटक स्थल उतना क्यों नहीं खींचते ?
- संग्रहालयों की हालत खराब है। पीली दीवारों और धुंधली ट्यूबलाइटों से जर्जर हो चुकी अमूल्य कलाकृतियां देश भर के संग्रहालयों में पर्यटकों को दूर रखती हैं। यहाँ पर संग्रहालयविदों या विशेषज्ञों जैसी विधा पर प्रशिक्षण को प्रोत्साहित ही नहीं किया जाता है। जबकि ब्रिटेन और अमेरिका के संग्रहालय पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 06 जनवरी, 2025
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