भारत के स्टील उद्योग से जुड़े CO2 उत्सर्जन को कम करने पर बढ़ते दबाव
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- 2024 की पहली तिमाही में स्टील उत्पादन में 8.5% बढ़त के साथ भारत सबसे बड़े स्टील उत्पादक के रूप में उभरा है।
- इस उद्योग से जुड़ा CO2 उत्सर्जन 12% है।
- इसे देखते हुए स्टील मंत्रालय ने एक ग्रीन स्टील नीति तैयार करना शुरू किया है।
- उत्सर्जन को कम करने के लिए ब्लास्ट फर्नेस में बायोमास को विकल्प के रूप में उपयोग करने का पता लगाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
- प्रमुख इस्पात उत्पादकों के पास डीकार्बोनाइजेशन की योजनाएँ हैं। लेकिन ये कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण तथा ग्रीन हाइड्रोजन जैसी विकासशील तकनीकों पर निर्भर हैं।
- इस बीच 2030 तक 30 करोड़ टन के उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नई कार्बन गहन क्षमता को जोड़ा जा रहा है।
- वैसे भारत सरकार के पास हरित इस्पात खरीद नीति जैसे अतिरिक्त विकल्प भी हैं।
- इस दिशा में सरकार सफल तकनीक और समाधानों को आगे बढाने के लिए अनुसंधान और विकास का समर्थन, वैकल्पिक उत्सर्जन शमन कार्यों को बढ़ावा देना, तथा कार्बन उत्सर्जन से जुड़े अनिवार्य अनुपालन के लिए रूपरेखाएं तैयार कर सकती है।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 7 जून, 2024