भारत-अमेरिका सहयोग समझौते पर कुछ और बिंदु

Afeias
25 Jul 2023
A+ A-

To Download Click Here.

भारत और अमेरिका आपसी विश्वास और सहयोग के एक नए युग में प्रवेश कर चुके हैं।

  • भारत के स्वदेशी हल्के लडाकू एम के 2 और डबल इंजन उन्नत हल्के लड़ाकू विमान एम के-1 को और अधिक शक्तिशाली बनाने के उद्देश्य से जनरल इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस के एफ 414 इंजन के संयुक्त निर्माण की घोषणा की गई है।
  • प्रीडेटर-एमक्यू-9 बी सशस्त्र मानवरहित हवाई वाहनों की खरीद के लिए भारत ने समझौता किया है। इसके साथ ही भारत ने अमेरिका से सी-130 और सी-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट खरीदा है। अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर, सीएच-47 चिनूक और एमएच-60 आर बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर, समुद्री गश्ती विमान और अल्ट्रा लाइट हावित्जर सहित अन्य उपकरण खरीदे हैं।

दोनों देशों की साझा चिंताओं में चीन और हिंद प्रशांत क्षेत्र में उसका विस्तार है। साथ ही, दीर्घ अवधि में अमेरिका चाहता है कि रूस पर भारत की रक्षा निर्भरता कम हो जाए। यही कारण है कि वह प्रौद्योगिकी और रक्षा सहयोग के माध्यम से इन क्षेत्रों में भारत की आत्म-निर्भरता को बढ़ाना चाहता है। साथ ही भारत अपनी रणनीतिक स्थिति की मजबूती पर अधिक ध्यान देना चाहता है। फिलहाल अमेरिकी रणनीति एक नई द्विध्रुवीयता (बायपोलेरिटीद) बनाने पर केंद्रित है। लेकिन भारत ऐसा नहीं चाहता है। दूसरों की सत्ता की प्रतिद्वंदिता में फंसने की भारत की कोई मंशा नहीं है। अच्छी बात यह है कि अमेरिका इस बात को समझता है। भारत की अपनी सीमाओं और संप्रभुता की रक्षा करने की नीति अमेरिकी हितों के अनुरूप है। अंततः, यह दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास का एक नया युग है, और इसे क्षेत्र में स्थिरता के लिए एक ताकत के रूप में कार्य करना चाहिए।

‘द हिंदू’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 28 जून, 2023

Subscribe Our Newsletter