बांग्लादेशी प्रधानमंत्री की भारत यात्रा
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कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
- इस समय बांग्लादेश उच्च वैश्विक कीमतों के कारण ऊर्जा संकट की चुनौती का सामना कर रहा है। ऊर्जा एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जहां साझेदारी के बढ़ने की संभावना है। इसे देखते हुए भारत ने बांग्लादेश की मदद हेतु रामपाल खुलना में 16 अरब डॉलर आर्थिक सहायता के रूप में रियायती वित्त पोषण हेतु लगाए हैं।
- तीस्ता जल पर एक समझौता प्रगति पर है। भारत ने नदी जल बंटवारे को एक व्यापक मुद्दे के रूप में संबोधित करके अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है। दोनों देशों के बीच 54 नदियां हैं। कुशियारा नदी पर समझौते का काम अभी बाकी है।
- इसके साथ ही मुक्त व्यापार समझौता और रेल्वे क्षेत्र में बुनियादी ढांचा परियोजना पर बातचीत की शुरूआत महत्वपूर्ण है। इन समझौतों में भारतीय उद्योग द्वारा निवेश आकर्षित करना एक मुख्य उद्देश्य रहा है। शेख हसीना ने भारतीय कंपनियों के लिए दो समर्पित विशेष आर्थिक क्षेत्रों-मोंगला और मिरसराय का विशेष उल्लेख किया है।
भारत-बांग्लादेश संबंधों में सकारात्मक प्रवृत्ति 2009 में शेख हसीना के सत्ता में आने के बाद आई। उन्होंने आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को बंद करने और 20 से अधिक वांछित अपराधियों और आंतकी संदिग्धों को भारत को सौंपा है। अब भारत की बारी है कि वह ढाका की चिंताओं के प्रति संवेदनशील हो, तथा अपने भविष्य के सहयोग पर ध्यान केंद्रित करे।
समाचार पत्रों पर आधारित।
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