बढ़ती गर्मी के साथ शहरों में बढ़ती आगजनी की घटनाएं
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- आगजनी की घटनाएं आमतौर पर तब होती हैं, जब नियमों का पालन नहीं किया जाता है।
- या तो इमारत अनाधिकृत तरीके से बनाई गई होती हैं, या फिर सुरक्षा के पर्याप्त उपाय नहीं किए जाते हैं।
- घनी आबादी वाले क्षेत्रों में ऐसी इमारतों का होना और भी खतरनाक होता है।
- औद्योगिक इमारतों में आमतौर पर खिड़कियां नहीं बनाई जाती हैं, सीढ़ियों की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होती, ज्वलनशील पदार्थों के भंडारण की उचित व्यवस्था नहीं होती और निकासी के रास्ते पर्याप्त चौड़े नहीं होते हैं।
बचाव के तरीके क्या हो सकते हैं –
- सरकारी एजेंसियों में समन्वय बहुत आवश्यक है। फिलहाल, योजना बनाने का दायित्व किसी अन्य एजेंसी पर होता है, और उसे लागू करने का दायित्व किसी अन्य पर। प्रबंधन की जिम्मेदारी कोई तीसरी एजेंसी संभालती है।
- ज्यादातर इमारतों में ‘कम्प्लीशन सर्टिफिकेट’ नहीं लिया जाता है या देर से दिया जाता है। इसके प्रति खरीदारों को जागरूक रहने और आवाज उठाने की जरूरत है। तभी ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
- इमारतों में सुरक्षात्मक उपायों की समय-समय पर निगरानी बहुत जरूरी है।
- कॉफी हद तक नियोजन और प्रबंधन की व्यवस्था से बहुत कुछ ठीक किया जा सकता है। लाइसेंस आदि समय पर लेने के प्रयास हों।
हाल ही में देश के कुछ बड़े शहरों में हुई आगजनी की त्रासदी में जान और माल की काफी हानि हुई है। पिछले दो साल में दिल्ली के 66 अस्पतालों में आग लगने की घटनाएं घट चुकी हैं। इन पर रोक लगाने के लिए प्रशासन और जनता: दोनों को ही जागरूक होना होगा।
‘हिन्दुस्तान’ में प्रकाशित लेख पर आधाारित। 28 मई, 2024
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