
एआई विनियमन से जुड़ा दूसरा सम्मेलन संपन्न
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हाल ही में पेरिस में दूसरा एआई एक्शन समिट संपन्न हुआ है।
कुछ महत्वपूर्ण बिंदु –
- सम्मेलन में एआई को विनियमन से ऊपर रखने पर जोर दिया गया है।
- यहाँ देश दो पक्षों में बंटे हुए दिखते हैं। अमेरिका की नीति है कि एआई को प्रौद्योगिकी निर्माताओं के साथ संवाद करके विनियमित किया जाए। यूरोपीय संघ उपभोक्ता संरक्षण को अपने केंद्र में रखता है। वह प्रत्येक प्रौद्योगिकी के नैतिक विकास का पक्षधर है।
- तीसरे पक्ष में चीन है, जो नवाचार की लागत को कम करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों में सार्वजनिक संसाधनों को डालने में पीछे नहीं हटता हैं।
- सम्मेलन में एक बात तो तय हो गई कि एआई भू-राजनीतिक चिंताओं को बढ़ाता है।
- सम्मेलन के सह-अध्यक्ष के रुप में प्रधानमंत्री मोदी ने एआई में साझा मूल्यों को बनाए रखने, और इससे उत्पन्न खतरों से निपटने के लिए प्रशासनिक कदमों और मानकों की वकालत की है।
- एआई के वाणिज्यिक स्तर पर साझा विकास से रणनीतिक आशंकाएं कम होने की संभावना है।
- नौकरी कम होने वाली समस्या को स्थानीय स्तर पर देखे जाने की जरूरत है।
- ए आई से जुड़े बाजार नियमों को सुसंगत बनाना आसान है, लेकिन तकनीक पर जब तक लोगों का भरोसा नहीं होगा, तब तक इसे अधिक फैलाया नहीं जा सकता है।
कुल मिलाकर, एआई का क्षेत्र बहुत व्यापक है। अतः इसको सुरक्षित रूप से प्रयोग में लाने के लिए एक से नियम काम नहीं कर सकते हैं।
‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 13 फरवरी, 2025
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