अफ्रीकी लाभांश
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हाल में ही अफ्रीकी संघ को भारत की पहल पर जी-20 समूह की स्थायी सदस्यता दी गई है। इस भारतीय पहल का बड़ा भूराजनीतिक महत्व है। इस पर कुछ बिंदु –
- भारत जिस प्रकार से खुद को चीन के मुकाबले एक व्यवहार्य वैकल्पिक विकास भागीदार के रूप में स्थापित करने की जो कोशिश कर रहा है, उसमें भारत के लिए यह बड़ी सफलता है।
- इस प्रयास के नाते भारत और अफ्रीका पहली बार संयुक्त सेना प्रमुखों का सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं।
- 2017 और 2022 के बीच में मेडइन इंडिया हथियारों को सेशेल्स, मॉरीशस और मोजाम्बिक को सबसे ज्यादा निर्यात किया गया है। इसके साथ ही भारत अफ्रीका को रक्षा सामग्री देने वाला प्रमुख देश बन गया है।
- भारत की मदद से अफ्रीका में स्वास्थ्य, शिक्षा और सौर ऊर्जा उत्पादन में अनेक परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
- जी 20 समूह में शामिल करने के बाद अब भारत अफ्रीका को चौथे शिखर सम्मेलन में शीघ्रता लानी चाहिए।
- फ्रैंकोपोन अफ्रीका में भारत की उपस्थिति शुरू से ही कमजोर रही है। इसे बढ़ाया जाना चाहिए।
- एशिया – अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर की पहल में तेजी लाई जानी चाहिए।
अफ्रीकी देशों में प्राकृतिक संसाधनों का विशाल भंडार है। लेकिन अब तक अफ्रीका की वैश्विक हिस्सेदारी बहुत कम रही है। इस असंतुलन की भरपाई करने के लिए ही अफ्रीका को जी-20 समूह में शामिल किया गया है। अब भारत का काम यह है कि वह चीन जैसी तेजी के साथ अफ्रीका में अपनी पैठ बढ़ाए। तभी इस संबंध का सही लाभ मिल सकता है।
‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 11 सितंबर, 2023