अधिकारियों के मूल्यांकन का जिम्मा सही अधिकारियों पर हो

Afeias
16 Apr 2025
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हाल ही में उच्चतम न्यायालय में मध्यप्रदेश सरकार के 2024 के उस आदेश पर बहस हुई है, जिसमें उसने वन अधिकारियों की प्रदर्शन मुल्यांकन रिपोर्ट तैयार करने का जिम्मा दो आईएएस अधिकारियों को सौंपा है।

कुछ बिंदु –

  • वन अधिकारियों का तर्क है कि आईएस अधिकारियों के पास उनका मूल्यांकन करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता की कमी है। जैसे – खनन में वन अधिकारियों का प्राथमिक कार्य संरक्षण होता है, जबकि प्रशासनिक अधिकारी राजस्व को देखते हैं।
  • एक तर्क यह भी है कि वन संबंधी कार्यों में गैर-वन अधिकारियों को शामिल करना वैध नहीं है।
  • ज्ञातव्य हो कि भारतीय वन सेवा एक विशेष कैडर है। यह संरक्षण, सतत् संसाधन प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित है। वन अधिकारियों को पारिस्थितिकी और वानिकी में विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। जबकि आईएएस अधिकारी नीतियों से जुड़ी भूमिका के लिए बने हैं। वे ‘सामान्यीकरण में विशेषज्ञ‘ होते हैं।

अतः वन अधिकारियों के मूल्यांकन के लिए एक अलग कमांड संरचना ही उचित हो सकती है।

द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 07 मार्च 2025