100 स्मार्ट शहर कहाँ हैं?

Afeias
26 Jun 2025
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31 मार्च, 2025 को समाप्त होने वाला स्मार्ट सिटी मिशन हमें ऐसे कार्यक्रमों की समीक्षा करने का एक अवसर देता है। वह यह कि एक आकर्षक नई परियोजना शुरू करना आसान है, लेकिन इसे सफलापूर्वक जारी रखना मुश्किल होता है।

मिशन की असफलता से जुड़े कुछ बिंदु –

  • 2014 में, केंद्र सरकार ने 100 स्मार्ट सिटी की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य ट्रैफिक जाम, जल-भराव, दुर्घटना आदि को रोकने और हल करने के लिए तकनीक का उपयोग करना था।
  • लेकिन यह मौजूदा शहरों के नवीनीकरण, रेट्रोफिटिंग और आवास, स्वच्छ पानी, बिजली और परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करने तक सीमित रह गया है।
  • सार्वजनिक निवेश के अंतर्गत पिछले एक दशक में, इस मिशन के तहत 1.64 लाख करोड़ रुपये की 8000 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी। लेकिन इसके केंद्र में रहने वाले एकीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्रों तथा स्पेशल पर्पस व्हीकल (एक ऐसा निकाय, जो राज्य और स्थानीय निकायों के बराबर अधीन था, तथा इसका उद्देश्य मिशन की योजनाओं को धरातल पर कार्यान्वयित करना था) का कोई विशेष उपयोग नहीं किया गया। मिशन के बंद होने के साथ ही इनके भविष्य को अधर में छोड़ दिया गया है।
  • संसदीय स्थायी समिति ने यह सिफारिश भी की, कि शहरी मंत्रालय स्पेशल पर्पस व्हीकल्स के लिए दिशानिर्देश जारी रखे। लेकिन इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया।
  • मिशन के शहरों में रखरखाव या मेंटेनेंस और परफार्मेंस ट्रैकिंग के बिना उनकी सफलता पर अपने आप प्रश्न चिन्ह लग जाता है। अगर हम इन मुद्दों पर काम नहीं कर सकते, तो ऐसी असफलताएँ मिलना स्वाभाविक है।

‘द इकॉनॉमिक टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय पर आधारित। 23 मई 2025