होलोसीन या अभिनव युग पर विवाद

Afeias
26 Sep 2018
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Date:26-09-18

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जुलाई में, अभिनव (होलोसीन) युग के तीन नए भूवैज्ञानिक समय-मान में से एक का नाम मेघालय के नाम पर रखा गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तरिकी आयोग या इंटरनेशनल कमीशन ऑन स्ट्रेटीग्राफी (आई सी एस) ने होलोसीन युग, जिसका 11,700 वर्ष से आरंभ माना जाता है, को क्रमशः 8,200 और 4,200 वर्षों में तीन स्तर पर विभाजित किया है। इन तीन स्तरों को ग्रीनलैण्यिन, नार्थग्रिपियन और मेघालियन काल का नाम दिया गया है।

आयोग का यह निर्णय एक दशक के सोच-विचार के बाद आया है। परन्तु अनेक भू-वैज्ञानिकों ने यह कहकर इसकी आलोचना की है कि इस उप विभाजन ने प्रस्तावित एंथोपोसीन भूवैज्ञानिक स्तरिक-विभाजन की संभावना को कम कर दिया है। होलोसीन युग के रूप में किसी भूवैज्ञानिक काल से मानव-शती की देन है। बाद में, नोबेल पुरस्कार विजेता पॉल क्रटजेन ने कहा था कि एंथ्रोपोसीन युग का प्रारंभ औद्योगिक क्रांति (1800 ई.) के समय से माना जा सकता है। इस प्रकार के काल का निर्धारण धु्रवों पर कार्बन डाइ ऑक्साइड के स्तर के बढ़ने से किया जा सकता है, और ऐसा होता भी आया है। एंथ्रोपोसीन के विचार को वृहद स्तर पर स्वीकृति मिल गई थी, परन्तु उसकी प्रारंभिक तिथि के बारे में नहीं मिली थी।

कुछ शोधकर्ताओं ने इसके प्रारंभ को 8,000 वर्ष पूर्व मानने की बात कही। जबकि कुछ ने 1610 ई. का प्रस्ताव रखा। 8,000 वर्ष पूर्व यूरेशिया में कृषि की शुरूआत हुई थी, जबकि 1610 ई. में अमेरिका में यूरोपीय लोगों ने बसना शुरू किया था, और नए एवं पुराने तरह की दो जातियों का संगम प्रारंभ हुआ। तीसरा प्रस्ताव 20वीं शताब्दी के मध्य से मानने का है, जब संसार में कंक्रीट, एल्युमीनियम और प्लास्टिक का प्रसार हुआ। इन सब विवादों के कारण ही अभी तक एंथ्रोपोसीन युग का निर्धारण नहीं हो सका है।

साथ ही अनेक शोधकर्ता होलोसीन युग को स्तरीभूत करने का प्रयत्न कर रहे थे। होलोसीन को अनौपचारिक रूप से प्रारंभिक, मध्य और हाल ही के तीन भागों में विभाजित कर दिया गया था। परन्तु इस विषय पर कोई निश्चित परिभाषा नहीं दी जा सकी थी। अंततः उन्होंने जलवायु से संबंधित दो घटनाओं पर इसका विभाजन निश्चित किया।

(1) 8,200 वर्ष पूर्व, ग्लेशियर की झीलों के प्रलयंकारी पिघलन से विश्व के तापमान में कमी आई।

(2) 4,200 वर्ष पूर्व, पृथ्वी के मध्य-अक्षांश के आसपास भयंकर अकाल पड़ा। समझा जाता है कि यही अकाल तत्कालीन सभ्यताओं के विनाश का कारण बना।

अगर ऐसा है, तो विवाद किस बात का है? (1) यदि 8,200 वर्ष पूर्व को नॉर्थग्रिपियन काल माना जाए, तो यह तिथि एंथ्रोपोसीन युग के लिए दिए गए एक प्रस्ताव से मिलती है। (2) कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि 4,200 वर्ष पूर्व का अकाल पूरी पृथ्वी पर नहीं फैला था। इस बिन्दु ने विवाद को बढ़ा दिया है। इन शोधकर्ताओं का कहना है कि होलोसीन को मनमानी रेखाओं के साथ क्यों बांटा जाए, जब यही स्पष्ट नहीं है कि अभी हम होलोसीन युग में रह रहे हैं या नहीं। आई सी एस ने तो आधिकारिक तौर पर स्तरीभूत विभाजन कर दिया है। परन्तु विवाद जारी रहेगा।

‘द हिन्दू’ में प्रकाशित प्रियंका पुल्ला के लेख पर आधारित। 22 अगस्त, 2018

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