स्वास्थ्य से जुड़ी वॉश सुविधाएं
Date:19-08-19 To Download Click Here.
वॉटर, सेनीटशन एण्ड हाइजीन यानि वॉश (wash) यूनीसेफ की ऐसी योजना है, जो विभिन्न देशों में स्वास्थ्य की दृष्टि से चलायी जा रही है। इस वर्ष के प्रारंभ में यूनीसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन के तत्वाधान में आई संयुक्त रिपोर्ट बताती है कि संपूर्ण विश्व में वॉश सुविधाओं का बहुत अभाव है। 2016 के आंकलन के अनुसार विश्व के 89.6 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य केन्द्रों पर पानी की सुविधा नहीं है। इसी प्रकार 1.5 अरब लोगों को सफाई नहीं मिलती। प्रत्येक छः में से एक स्वास्थ्य केन्द्र पर हाथ धोने से जुड़ी स्वच्छता उपलब्ध नहीं है।
भारत की बड़ी जनसंख्या में से 30 प्रतिशत जनता शहरों में रहती है। इसको देखते हुए भारत सरकार ने वॉश कार्यक्रम से जुड़ा स्वच्छ भारत अभियान चलाया है। कार्यक्रम से संबंद्ध एक सम्मेलन मार्च में नई दिल्ली में किया गया था, जिसमें दक्षिण-पूर्वी एशिया क्षेत्र के देश शामिल हुए थे। इसमें मुख्यतः यूनिवर्सल हैल्थ कवरेज तथा ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक सेवा पहुँच को बराबर करने को प्राथमिकता दी गई थी।
मई में विश्व स्वास्थ्य सभा ने एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसमें 2022 तक कम से कम 60 प्रतिशत केन्द्रों में वॉश सेवाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। 2025 तक 80 प्रतिशत और 2030 तक 100 प्रतिशत स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वच्छता सेवाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इस हेतु सभी सदस्य देशों को यूनीसेफ और विश्व स्वास्थ्य संगठन की सभी सिफारिशों को जमीनी स्तर पर संभव करना होगा। इसके लिए कुछ कदम उठाने होंगे।
1.स्वास्थ्य अधिकारियों को चाहिए कि वे गहन समीक्षा हेतु कुछ राष्ट्रीय मानक तैयार करें, और जवाबदेही तय करे। समस्या की वास्तविकता तक पहुँच बनाने हेतु बेसलाइन डाटा की कमी को सुधारा जाना चाहिए। वॉश सुविधाओं की शुरुआत के बाद बुनियादी ढांचे में सुधार और रखरखाव के लिए स्पष्ट और मापने योग्य बेंचमार्ग बनाए जाने चाहिए।
2.सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में स्वच्छता और सुरक्षा का वातावरण तैयार करने के लिए लोगों और कर्मचारियों की भागीदारी सुनिश्ति की जानी चाहिए। आया, नर्स, डॉक्टर और सफाई कर्मचारियों को वॉश सेवाओं के साथ संक्रमण नियंत्रण एवं रोकथाम प्रक्रिया के लिए प्री-सर्विस ट्रेनिंग में ही माड्यूल दिए जाने चाहिए। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में वॉश सेवाओं के प्रति जागरुकता के लिए अधिक काम करने की जरुरत है।
3.वॉश सेवाओं से जुड़े मुख्य संकेतकों के डाटा का नियमित संग्रहण होना चाहिए। इससे लगातार प्रगति पर नजर रखी जा सकेगी। जवाबदेही भी तय हो सकेगी। स्वास्थ्य वॉश सेवाओं की उपलब्धता से जुड़े डाटा प्राप्त करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन भी सदस्य देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
सभी देशों के प्रयास मायने रखते हैं। इनकी सफलता उन्हें धारणीय विकास लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ाएगी। दूसरी ओर, यह मानव-जीवन की मूलभूत आवश्यकता में से एक बनती जा रही है। अतः इसे हर हाल में लागू किया जाना चाहिए।
‘द हिन्दू’ में प्रकाशित पूनम खेत्रपाल सिंह के लेख पर आधारित। 16 जुलाई, 2019