• Mobile App
  • Registration for March 2019 Classes
  • Pay Remaining Fee for March 2019 Classes
  • Facebook
  • Twitter
  • YouTube
  • Home
  • Classes
  • Audio
    • Life Management
    • Daily Audio Lecture
    • Air News Hindi
    • Air News English
    • Discussions
  • Knowledge Centre
    • Magazines
    • Newspaper Clips
    • Current Content
    • Practice Questions
    • Mock Tests
  • Resources
    • Hindi Articles
    • English Articles
    • Question Papers
    • Syllabus
    • NCERT Books
    • FAQs
  • Videos
  • Books
  • About Us
  • Contact Us
You are here: Home >> Knowledge Centre >> Current Content >> बिहार में पर्यटन आधारित विकास

बिहार में पर्यटन आधारित विकास

बिहार में पर्यटन आधारित विकास

Date:15-11-18

To Download Click Here.

भारत में पर्यटन की अनंत संभावनाएं हैं। देश का हर एक क्षेत्र सांस्कृतिक और प्राकृतिक विविधताओं से भरपूर है। इनमें बिहार ऐसा राज्य है, जिसका पर्यटन के लिहाज से अंतरराष्ट्रीय महत्व बहुत ज्यादा है। गत माह बिहार की राजधानी पटना में एक विशाल राज्य संग्रहालय का शुभारंभ किया गया है। इसमें बिहार के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को और भी व्यापक स्तर पर समझने में मदद मिल सकती है।

बिहार राज्य के मगध, मिथिला और वैशाली जनपदों को इतिहास के शक्तिशाली केन्द्रों की तरह वर्णित करना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

मौर्य एवं गुप्त साम्राज्यों में मगध को शिक्षा, शासन एवं संस्कृति के महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में जाना जाता रहा है। अशोक के शासनकाल में तो यह विज्ञान, गणित, खगोलशास्त्र एवं दर्शन का गढ़ ही बन गया था। 5-8वीं शताब्दी में नालंदा, ओदांतपुर एवं विक्रमशिला विश्वविद्यालयों की शिक्षा-व्यवस्था विश्व प्रसिद्ध रही है। मगध राज्य की राजधानी पाटलीपुत्र तो एक तरह से वैश्विक स्तर का नगर रहा है।

छठी शताब्दी में बिहार के वैशाली में पहले गणराज्य की स्थापना की गई थी। बुद्ध की साधना स्थली माने जाने वाले इस क्षेत्र को आज विश्व के लगभग 50 करोड़ बौद्ध लोगों के लिए श्रद्धा और विश्वास का केन्द्र माना जाता है। बोधगया में बना महाबोधि मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में स्थान रखता है।

जैनियों के 12वें और 24वें तीर्थंकर, वसुपूज्य एवं महावीर का जन्म भी भागलपुर एवं वैशाली में हुआ था।

सिक्खों के दसवें गुरू गोविन्द सिंह का जन्म 1666 में पटना में हुआ था। गुरु नानक और गुरु तेग बहादुर ने भी पटना में अपनी चरणधूलि रखी थी।

मिथिला का महत्व सीता से जुड़ा हुआ है। सीतामढ़ी के पास ही सीताकुंड स्थित है, जिसका पौराणिक महत्व है। इस क्षेत्र में राम, लक्ष्मण और सीता की पाषाण प्रतिमाएं हैं। यह माना जाता है कि इनका निर्माण राजा जनक ने करवाया था। इस क्षेत्र का जानकी मंदिर तो हिन्दुओं के तीर्थ की तरह है।

अपनी इस समृद्ध ऐतिहासिक और धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहर को पर्यटन को बढ़ावा देने की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है। इससे पहले राज्य सरकार को भौतिक, सामाजिक और प्रशासनिक विसंगतियों को ठीक करने की जरुरत है।

  • जनता की सुरक्षा के लिए कानून और व्यवस्था की स्थिति को सुधारना होगा। सरकार को चाहिए कि वह प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों की भर्ती एवं प्रशिक्षण में ध्यान देते हुए उसे अंतरराष्ट्रीय मानकों पर तैयार करे।
  • रेल, रोड एवं वायु से आवागमन के स्वच्छ एवं आरामदायक साधनों का विकास किया जाना चाहिए। पटना को अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केन्द्र की दृष्टि से आधुनिक एवं यात्रियों के अनुकूल बनाया जाना चाहिए।
  • जन सुविधाओं का विस्तार होना चाहिए। देश भर में चलाई जा रही स्वच्छता, पर्यटकों के निवास एवं खान-पान के स्वच्छ एवं सुरक्षित ठिकानों के विकास पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

इन सभी सुधारों का दारोमदार इस तथ्य पर निर्भर करेगा कि बिहार में प्रचलित वीआईपी और भ्रष्टाचार की संस्कृति को परे रखकर, एक प्रभावशाली एवं उत्तरदायी प्रशासनिक व पुलिस व्यवस्था कितना काम कर पाती है।

‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित रमेश ठाकुर के लेख पर आधारित। 11 अक्टूबर, 2018

Share this on WhatsApp

Related posts:

  1. राष्ट्रीय पर्यटन विधेयक
  2. पर्यटन हमारा सर्वोत्तम निवेश
  3. भारत में सुरक्षित पर्यटन को बढ़ावा देने की आवश्यकता
  4. उपभोक्ता आधारित अर्थव्यवस्था बनाम निवेश आधारित अर्थव्यवस्था

Filed Under: Current Content

Content Category

  • Audio
    • AIR News English
    • AIR News Hindi
    • Daily Audio Lecture
    • Discussions
    • Life Management
  • Books
  • Knowledge Centre
    • Current Content
    • Magazines
    • Mock Test
    • Newspaper Clips
    • Practice Questions
  • Resources
    • Articles (English)
    • Articles (Hindi)
    • NCERT Books
    • Question Papers
  • Video

Explore by Topics

Economics GST History

Contact Us

We welcome your valuable feedback, suggestions and advice about our Free study material for Indian Civil Services, IAS Exam preparation, UPSC Entrance Exams, UPSC/IAS Mock Tests, Daily Audio Lectures and many other IAS tutorials to crack UPSC IAS examinations.

Email: info@afeias.com
Phone: 08103515516

About Us

AFEIAS has been established with the aim of providing proper guidance to youths preparing for Indian Civil Services. The important point to note here for IAS aspirants is all of our UPSC/IAS exam preparation Classes are conducted by former civil servant and renowned author, Dr.Vijay Agrawal himself who is on mission to provide right and proper guidance to students preparing for Civil Services Examinations. Continuing with this endeavor Dr. Agrawals’s book, ‘HOW TO BECOME AN IAS‘ is a great milestone in this regard.

We are Social

  • YouTube
  • Facebook
  • Twitter
  • Google +


Copyright © AFEIAS.COM.

Sitemap | FAQs | Privacy Policy | Terms & Conditions

Website by Yotek Technologies

Digital Marketing by Afzal Khan