समझें करेंट अफेयर्स की चुनौती को

Afeias
10 Apr 2019
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सिविल सर्विस परीक्षा के जनरल नॉलेज के पेपर्स प्री एवं मेन्स दोनों में, यहाँ तक कि इन्टरव्यू में भी करेन्ट अफेयर्स का वजन लगातार बढ़ता ही जा रहा है। और यह आपके लिए अच्छा भी है, खासकर उनके लिए, जो इस मैदान में नये-नये उतरे हैं। यहाँ तक कि अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इसका रोल बढ़ता जा रहा है। लेकिन मेरा उद्देश्य यहाँ आपको प्री के बारे में सशक्त बनाना है। मैं इस लेख में आपसे समसामयिक खबरों की परीक्षा से संबंधित चुनौतियों की चर्चा करूंगा। और ठीक इसके अगले लेख में उसके बारे में कि आप उन चुनौतियों से निपटेंगे कैसे ?
आइये, शुरू करते हैं।

1) छदम रूप – यह सबसे खतरनाक चुनौती है। खतरनाक इस मामले में कि प्री के पेपर में यदि आप करेन्ट अफेयर्स के प्रश्नों को सीधे-सीधे पकड़ने की कोशिश करेंगे, तो मुश्किल से 8-10 प्रश्न ही आपके हाथ आयेंगे। लेकिन जब आप थोड़ी सूक्ष्मता के साथ देखकर उनकी मौजूदगी को जानना चाहेंगें तो इनकी संख्या में 4-5 गुना का इज़ाफा हो जायेगा। उदाहरण के तौर पर सन् 2017 एवं सन् 2018 में ऐसे सीधे प्रश्नों की संख्या क्रमशः 6 और 9 थी। लेकिन यदि हम करेन्ट अफेयर्स से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े प्रश्नों को भी इसमें शामिल कर लें, तो इनकी संख्या क्रमशः 36 और 32 हो जाती है, जो अपने आप में काफी है।

यहाँ ‘अप्रत्यक्ष‘ से मेरा आशय यह है कि मान लीजिये कि आपसे भारतीय नागरिकता के संबंध में कोई प्रश्न पूछा जाता है, तो स्पष्ट रूप से तो यह संविधान का प्रश्न हुआ। लेकिन यह पूछा इसलिए गया, क्योंकि भारतीय नागरीकता कानून संशोधन विधेयक (असम के संदर्भ में) पेश किया गया था, इसलिए यह प्रश्न अप्रत्यक्ष रूप से करेन्ट से जुड़ गया। इस प्रकार करेन्ट के माध्यम से मूल विषय तक पहुँचना इसकी एक बड़ी चुनौती है।

2) निरंतर बदलाव – ‘करेन्ट‘ का अर्थ यदि समसामयिक होता है, तो इसका एक अर्थ ‘प्रवाह‘ (धारा) भी होता है। यानी कि यह किसी भी विषय के ज्ञान की तरह स्थिर नहीं रहता। चूंकि यह निरंतर बहता रहता है, इसलिए लगातार बदलता भी रहता है। जो स्थिर है, उसे तो कभी भी पाया जा सकता है, पढ़ा जा सकता है। लेकिन जो गतिशील है, उसके साथ यह तकनीक काम नहीं करती। इस प्रकार इसके साथ कदमताल मिलाकर चल पाना अगली बड़ी चुनौती बन जाती है। लेकिन यदि आप आरम्भ से ही इसके प्रति सतर्क हैं और प्रवाह के साथ बह रहे हैं, तब रही चुनौती आपकी शक्ति में परिवर्तित हो जाती है। आपको मजा आने लगता है और यही बात आपको दूसरों की तुलना में आगे पहुँचा देती है।

3) चयन का संकट – करेन्ट अफेयर्स पर आपके पास पढ़ने के लिए बहुत सारा होता है उसमें भी पढ़ने के लिए बहुत कुछ है, और वह भी रोजाना। यह सब कुछ आपको भ्रमित करके पागल बना देने के लिए काफी है। अब यहाँ आपके सामने चुनौती यह है कि आप कैसे सूचनाओं के इस अम्बार से अपने लिए उपयोगी सूचनाओं का चयन करके उन्हें नोट करते है। इसके लिए एक अलग प्रकार की दृष्टि की जरूरत होती है, जो आपमें होनी ही चाहिए। दरअसल, जब आप ईमानदारी के साथ तैयारी करने लगते हैं, तो धीरे-धीरे यह क्षमता अपने-आप आती जाती है।

4) प्रश्नों के तथ्य – यह चैथी और अंतिम चुनौती है। प्री में करेन्ट से सीधे-सपाट तथ्य नही पूछे जाते कि मिशन शक्ति क्या है। इसलिए आपको तथ्यों से जुडे अन्य तत्वों को भी ध्यान में रखना पड़ता है।
मुझे लगता है कि इन चुनौतियों के ज्ञान के अभाव में करेन्ट अफेयर्स की तैयारी के साथ न्याय नहीं किया जा सकता।

– डाॅ॰ विजय अग्रवाल
(आप पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एवं afeias.com के संस्थापक हैं।)

Note: This article of Dr. Vijay Agrawal was published in “Jagran Josh” dated 03-April-2019.

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