इन बातों से बढ़ाएं प्रीलिम्स में प्रदर्शन

Afeias
30 May 2019
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अब, जबकि आपकी प्रारम्भिक परीक्षा के तीन दिन ही रह गये हैं, निश्चित रूप से आपकी बेचैनी और आपकी चिंता अपने चरम पर होगी। लेकिन यहाँ मैं आपको आश्वस्त करना चाहूंगा कि यदि ऐसा है, तो आप इसको लेकर परेशान न हों, क्योंकि ऐसा होना स्वाभाविक है। हाँ, इसका एक सीमा से अधिक इतना बढ़ जाना कि आपकी शारीरिक एवं मानसिक क्षमताओं पर उसका बहुत अधिक दुष्प्रभाव पड़ने लगे, उससे स्वयं को बचाना है। और ऐसा आप इस वाक्य को बार-बार अपने मन में दुहराकर कर सकते हैं कि, “जो होगा, देखा जायेगा।” और यही सच भी है।

समय के इस अत्यंत संवेदनशील बिन्दु पर पहुँचकर आपको पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के प्रति भी सतर्क हो जाना चाहिए। आप मानकर चलें कि ये दोनोें आपके वे महत्वपूर्ण उपकरण हैं, जिनके साथ न देने पर आपकी अब तक की सारी मेहनत बेकार चली जायेगी। तो आइये, कुछ ऐसे बिन्दुओं पर भी थोड़ी बातें कर लेते हैं।

(1) फिलहाल गर्मी अपने पूरे जोश में है। आपको परीक्षा इसी चिलचिलाती धूप में देनी है, और वह भी एक ही दिन में दो बार। इसे देखते हुए मैं दो बातें कहना चाहूंगा। पहली यह कि आप अभी से धूप से अपना पूरा-पूरा बचाव रखें। धूप में निकलने से बचें, और यदि अनिवार्य ही हो, तो आपका सिर ढ़का होना चाहिए। धूप से लौटते ही तुरंत पानी न पीयें। कोल्ड ड्रिंक्स तथा फ्रीज के पानी को फिलहाल भुला दें।
दूसरी बात यह कि 2 जून को एक पेपर के होने के बाद जो गैप मिलेगा, उसमें भी धूप और लू से अपना बचाव करें।

(2) अपनी डाइट को ठीक रखें। सादा खाना खायें। तली चीजें बिल्कुल बंद कर दें। ठेलों पर खाने से परहेज करें। खाना साफ-सुथरा और सादा होना चाहिए। भूख से थोड़ा कम ही खायें। एक बार में ज़्यादा से ज़्यादा खाने के मोह से बचें। हां, ज़्यादा समय तक भूखें न रहें। खाने में प्याज, नीबू और मौसमी फलों; जैसे तरबूज, ककडी आदि को तरजीह दें। मठ्ठा, नीबू का शर्बत, पना और सत्तू जैसी चीजें आपके लिए दवाई का काम करेंगी।

(3) पर्याप्त नींद लें। नींद में कोई कटौती न करें, कोई समझौता न करें। इसका सीधा संबंध आपकी मानसिक ताजगी से है।

(4) हर उस काम से बचें, व्यवहार से बचें और यहाँ तक कि विचार से बचें, जो आपके मस्तिष्क में तनाव या जटिलतायें पैदा करती हैं। कम से कम परीक्षा के दिन तक तो उसे टाल ही दें।

(5) यदि पेपर बहुत कठिन लगे, तब भी आपको अपना मानसिक संतुलन खोना नहीं है। यह तुलनात्मक परीक्षा है। इसलिए इस बात की चिंता करनी ही नहीं चाहिए।

(6) आपको परीक्षा हॉल में हर हालत में अंत तक अपना बेस्ट देने की कोशिश करनी है।
अंत में आप सबको मेरी शुभकामनायें।

– डाॅ॰ विजय अग्रवाल
(आप पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एवं afeias.com के संस्थापक हैं।)

Note: This article of Dr. Vijay Agrawal was published in “Jagran Josh” dated 29-May-2019.

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