fbpx
  • Registration for 15 days Classes
  • Pay Remaining Fee for 15 days Classes
  • Facebook
  • Instagram
  • Twitter
  • YouTube
  • Home
  • Classes
  • Audio
    • Life Management
    • Daily Audio Lecture
    • Air News Hindi
    • Air News English
    • Discussions
  • Knowledge Centre
    • Magazines
    • Newspaper Clips
    • Current Content
    • Practice Questions
  • Mock Tests
  • Resources
    • Hindi Articles
    • English Articles
    • Question Papers
    • Syllabus
    • NCERT Books
    • FAQs
  • Videos
  • Books
  • About Us
  • Contact Us
You are here: Home >> Resources >> Articles (Hindi) >> सिविल सेवा परीक्षा की अंग्रेजी की तैयारी

सिविल सेवा परीक्षा की अंग्रेजी की तैयारी

To Download Click Here.

कोई च्वाइस नहीं है 

सिविल सर्विसेज की प्रारम्भिक परीक्षा के सी सेट के पेपर में 80 में से 8 प्रश्न यानी कि कुल के दस प्रतिशत प्रश्न अंग्रेजी भाषा के ज्ञान से संबंधित होते हैं। जब इसे लागू किया गया था, तब अंग्रेजी के इन प्रश्नों को गैर अंग्रेजीभाषी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के परीक्षार्थियों का विरोधी बताते हुए इस पर आपत्ति उठाई गई थी। इसके कारण अंग्रेजी भाषा की विदाई तो नहीं हुई, लेकिन इतना जरूर हुआ कि इसकी जाँच के लिए

अंग्रेजी का जो परिच्छेद दिया जाता है, उसका स्तर काफी कम दिया गया। आप इस तथ्य की सच्चाई कोे वर्ष 2011 एवं वर्ष 2013 के पेपर्स को अपने सामने रखकर जाँच सकते हैं। इस प्रकार यह राहत देने वाली एक बड़ी बात है।

मैं यहाँ आज के वैश्विक संदर्भ में अंग्रेजी जानने के महत्व के मुद्दे पर नहीं जाना चाहता, क्योंकि वह तो है ही। यहाँ मेरा मुख्य उद्देश्य उन उपायों को सुझाना है, जिन्हें अपनाकर वे लोग परीक्षा की इस वैतरणी को पार कर सकें, जो इसके आने से बुरी तरह परेशान हैं, और बिना कुछ किए ही हथियार डाल दे रहे हैं।

चलिए, हम सीसेट की बात को यहाँ छोड़ते हैं, और इसके पहले वाले पैटर्न की बात करते हैं। उस समय भी मुख्य परीक्षा में जनरल इंग्लिश के पेपर में क्वालीफाइंग मार्क्स लाने पड़ते थे। आज भी लाने पड़ते हैं। मैं ऐसे अनेक युवाओं को जानता हूँ, जो मुख्य परीक्षा इसलिए क्वालीफाई नहीं कर पाये, क्योंकि अंग्रेजी का यह पर्चा उनके लिए पहाड़ हो गया था। ऐसे भी सफल उम्मीदवार मुझे मिले, जो पहले के तीन अटैम्पट में हर बार मुख्य परीक्षा तक पहुँचे, किन्तु अंग्रेजी के कारण इन्टरव्यू तक नहीं पहुँच सके। चौथे अटैम्पट में अंग्रेजी की बाधा को पार करके सिविल सर्विस के सदस्य बन गये। यहाँ यह सब बताने को मेरा उद्देश्य आपके सामने सफलता के इस महत्वपूर्ण सत्य को रखना भर है कि “यदि आप सीसेट की अंग्रेजी से घबड़ा रहे हैं, तो मुख्य परीक्षा का जनरल अंग्रेजी का पेपर आपको उससे आगे बढ़ने से रोकने के लिए पर्याप्त है।” यानी कि यदि इसे सीसेट से हटा भी दिया जाए, तो आपको इतनी अंग्रेजी तो जाननी ही होगी कि आप मेन के 250 नम्बर के पेपर में सौ नम्बर तो ले ही आएं। और, यदि आप मुख्य परीक्षा में इतने नम्बर लाने की क्षमता रखते हैं, जो रखनी ही होगी, तो सीसेट की अंग्रेजी से घबड़ाने की जरूरत बिल्कुल भी नहीं है। इस क्षमता के आधार पर आप सीसेट की अंग्रेजी में 50-60 प्रतिशत नम्बर तो ले ही आएंगे। कुल मिलाकर यह कि ‘इंग्लिश कम्प्रेहेन्सन’ से घबड़ाकर इससे मुक्त हो जाने का कोई बड़ा और ठोस तार्किक कारण मुझे तब तक दिखाई नहीं देता है, जब तक कि मुख्य परीक्षा से ही इसे निकाल न दिया जाए। चूंकि फिलहाल तो यह संभव नहीं है, इसलिए आपके पास इसके सिवाय कोई अन्य रास्ता भी नहीं है कि आप इतनी अंग्रेजी तो सीख ही लें कि सी-सेट और जनरल इंग्लिश के पेपर में पास हो सकें। वैसे भी आगे चलकर यह भाषा आपके बहुत काम आएगी।

मनोवैज्ञानिक जकड़न को तोड़ें

मैं स्वयं हिन्दी साहित्य का विद्यार्थी रहा हूँ, हिन्दी का प्रोफेसर रहा हूँ, इसी भाषा का लेखक हूँ, और यही भाषा सिविल सेवा में मेरा माध्यम भी रही है। मुझे इससे बेइन्तहा प्यार भी है। लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि मैं अंग्रेजी भाषा के महत्व और इसके इस व्याकरणिक गुण को भी अस्वीकार कर दूं कि ‘यह भाषा दुनिया की सबसे सरल भाषाओं में से एक है।’’ हिन्दी भाषा की तुलना में तो यह बहुत ही सरल है। यह बात अलग है कि हिन्दी में ही पले, बढ़े और पढ़े होने के कारण हमें यही सबसे सरल भाषा लगती है। लेकिन हिन्दी के सरल होने का अर्थ यह कैसे हुआ कि अंग्रेजी एक कठिन भाषा है।

दोस्तो, अंग्रेजी वाकई एक सरल भाषा है, काफी सरल भाषा। मेरा उद्देश्य यहाँ अंग्रेजी की सरलता को प्रमाणित करना नहीं है। व्याकरण की दृष्टि से यह एक प्रामाणित सत्य है। मुझे मालूम है कि फिर भी आपको यह कठिन लगती है। मुझे यह भी मालूम है कि यह आपको कठिन क्यों लगती है। यह आपको कठिन इसलिए लगती है, क्योंकि आपने मान लिया है कि यह कठिन है। आपने बिना कोशिश किए ही मान लिया है। यदि कोशिश की भी है, तो थोड़ी-बहुत करके उसे छोड़ दिया है। और उसके पीछे पड़े नहीं, जुटे नहीं। आप भूल गये कि किसी भी अन्य भाषा को जान लेना किसी बहुत बड़े खजाने को पा लेने जैसा होता है, और यह जुटे बिना नहीं मिलता।

किसी भाषा को सीखने में सबसे बड़ी रुकावट होती है, उसे बहुत कठिन मान लेने की भावना। भाषा एक तरल पदार्थ की तरह हमारी चेतना में रचती-बसती है, और ऐसा तभी मुमकिन हो पाता है, जब आप भाषा और चेतना के बीच की इस ‘कठिनता की भावना’ की दीवार को गिरा दें। तो शुरुआत इस सोच से करें, जो पूर्णतः सच भी है कि ‘‘यह एक सरल, सुंदर, प्रभावशाली एवं अत्यंत उपयोगी भाषा है, और मैं इसे सीखकर ही दम लूंगा।’’

आपको क्या-क्या करना चाहिए

किसी भी भाषा को सीखने के इस सार्वभौम नियम को बहुत अच्छी तरह आत्मसात कर लीजिए कि इसे न तो एकाध-दो महिने में सीखा जा सकता है, और न ही घर के किसी कमरे में महिनों कैद होकर। यह सबसे पहले आपसे दो बातों की मांग करती है। पहली है निरंतरता की, और एक लम्बी निरंतरता की। यानी कि आपको अंग्रेजी को रोजाना कम से कम एक घंटा तो देना ही होगा। साथ ही इस नियम को कम से कम एक साल तक तो निभाने का संकल्प लेना ही चाहिए। यह मैं अंग्रेजी के एक ठीक-ठाक स्तर के लिए कह रहा हूँ। जहाँ तक अच्छे स्तर का सवाल है, तो आप जितना गुड़ डालेंगे, मिठास उतनी ही बढ़ती जाएगी। यह आपके ऊपर है।

फिलहाल मैं यह मानकर चल रहा हूँ कि सिविल सेवा की परीक्षा में बैठने वाले किसी भी विद्यार्थी को अंग्रेजी का प्रारम्भिक ज्ञान तो होता ही है। वह अंग्रेजी के सरल-सरल वाक्य बना लेता है, छोटे-छोटे वाक्य बोल लेता है। और इस तरह की सरल अंग्रेजी को सुनने पर समझ भी लेता है। हमारे रोजमर्रा के जीवन की बोलचाल में अनजाने ही अंग्रेजी के इतने ढेर सारे शब्द आ गये हैं कि बिना किसी अतिरिक्त मेहनत के प्रत्येक के पास अंग्रेजी की काफी शब्दावली आ गई है। हाँ, यह बात अलग है कि ये लोग इस अंग्रेजी को व्याकरण के जरिए नहीं जानते। लेकिन सी-सेट के लए तो इतना ही पर्याप्त है कि वे इसे जानते हैं, और अनुमान लगा-लगाकर काफी कछ समझ भी लेते हैं। इस पृष्ठभूमि वाले स्टूडेन्ट्स के लिए साल भर के 365 घंटे पर्याप्त हैं, लेकिन ईमानदारी का रोजाना एक घंटा।

दूसरी बात है परिवेश की । गाँव का एक अनपढ़ व्यक्ति भी यदि हिन्दी समझ लेता है, और टूटी-फूटी बोल भी लेता है, तो उसने यह हिन्दी कहाँ से सीखी थी? जाहिर है कि अपने परिवेश से, माहौल से। किसी भी भाषा को सीखने में भाषा के वातावरण का बहुत बड़ा योगदान होता है। मैं समझ रहा हूँ कि जिनके लिए मैं यह लेख लिख रहा हूँ, उनके लिए अंग्रेजी का वातावरण ढूँढ़ पाना आसान नहीं है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इस बारे में कुछ किया ही नहीं जा सकता है।

इसके लिए आप निम्न उपाय कर सकते हैं-

  • रोजाना रेडियो पर अंग्रेजी और हिन्दी के समाचार सुनिए। हिन्दी के समाचार अंग्रेजी के अनुवाद होते हैं। इससे आपके कान इस भाषा के अभ्यस्त होने लगेंगे। दिमाग को भी अंग्रेजी भाषा को जल्दी-जल्दी अपनी भाषा में अनुवाद करके उसे समझने की आदत पड़ेगी। आपका अंग्रेजी भाषा का शब्द ज्ञान भी बढ़ेगा। इस प्रकार आपको थोड़ी देर के लिए अंग्रेजी का वातावरण मिल जाएगा।
  • संभव हो सके तो अंग्रेजी की फिल्में देखें। टी.वी. पर अंग्रेजी के प्रोग्राम देखें, अंग्रेजी के समाचार सुनें और अंग्रेजी के डिबेट भी सुनें। अन्य भाषाओं की आप वैसी फिल्में भी देख सकते हैं, जिनके संवादों के सब टाइटिल अंग्रेजी में आते हैं।
  • यदि कभी भी, कहीं भी कोई भी अंग्रेजी जानने वाला मिल जाता है, तो उससे अंग्रेजी में बात करने में बिल्कुल भी न झिझकें। सही गलत, जो भी बोल सकते हैं, बोलें।
  • अंग्रेजी के अखबार जरूर पढ़ें, और जिन शब्दों के अर्थ नहीं समझ पा रहे हैं, डिक्शनरी में उनके अर्थ देखें। इन नये शब्दों को याद करें, और मन ही मन उन शब्दों पर आधारित वाक्य भी बनायें।

व्याकरण की मूलभूत जानकारी जरूरी है

आपको मुख्य परीक्षा में जनरल इंग्लिश का पेपर भी क्वालीफाई करना है, जिसमें 250 में से 50 नम्बर इंग्लिश व्याकरण से होते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि व्याकरण में आप पूरे नम्बर भी ला सकते हैं और शून्य भी। रणनीति के तहत आपकी कोशिश यही होनी चाहिए कि इसमें अधिक से अधिक नम्बर लाने की कोशिश की जाए।

निश्चित रूप से इसकी तैयारी के लिए व्याकरण की कई किताबें हैं, जिनसे आप लाभ उठा सकते हैं। लेकिन यदि आपको लगता है कि किताबों के जरिए समझने में दिक्कत आ रही है, तो मेरी सलाह है कि कुछ समय के लिए किसी से अंग्रेजी सीख लें। इससे आपका रास्ता काफी आसान हो जाएगा। इसके व्याकरण वाले अंश में ज्यादातर शब्दों के प्रयोग के बारे में पूछा जाता है। व्याकरण में थोड़ा-सा ध्यान देने पर आप इसे हल कर सकते हैं।

हालांकि ग्रामर का क्षेत्र काफी बड़ा होता है, लेकिन आपको केवल अंग्रेजी के मूलभूत व्याकरण पर जोर देना चाहिए और खासकर उसके उस भाग पर, जो आमतौर पर बोलचाल में उपयोग में लाया जाता है। यहाँ मैं सतर्क करना चाहूँगा कि आपको केवल वह व्याकरण सीखना है, जो आपको अंग्रेजी बोलने और समझने लायक बना सके।

इसके अंतर्गत आपको निम्न बिन्दुओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए। i. Tense (काल) ii. Articles iii. Modules (सहायक क्रियाएँ, जैसे- Can, Could, Must, Shall आदि) iv. Voice v. Use of preposition, (in, at, for, between) vi. Either-or ,neither-nor, not only, although vii. Direct & Indirect Speech (प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कथन) viii. Interrogative Sentence (प्रश्नसूचक वाक्य) ix. Prefix & Suffix (उपसर्ग एवं प्रत्यय) x. Punctuation (विराम चिन्ह) आदि।

जनरल इंग्लिश में आपको 300-300 शब्दों के दो निबन्ध लिखने होते हैं, जो 50-50 नम्बर के होते हैं। इसके विषय बहुत ही जनरल दिए जाते हैं। यदि आप थोड़ी भी अंग्रेजी जानते हैं, तो स्वयं को इस आत्मविश्वास से वंचित न करें कि इसमें आप 50 नम्बर ला सकते हैं। यदि आप ऐसा कर लेते हैं, तो आपको बाद के डेढ़ सौ में से 50 नम्बर लाने होंगे, जो आपके लिए मुश्किल नहीं होने चाहिए।

सी-सेट का गद्यांश

आपकी सुविधा के लिए यहाँ मैं सन् 2013 में दिए गए एक इंग्लिश पैसेज को प्रस्तुत कर रहा हूँ।

English Passage-1

Seven-year old Jim came home from the park without his new bicycle. “An old man and a little boy borrowed it,” he explained. “They are going to bring it back at 4 o’clock.” His parents were upset that he had given his expensive new bicycle, but were secretly proud of his kindness and faith. Came four o’clock, no bicycle. The parents were anxious. But at 4:30, the door bell rang, and there stood a happy man and a boy, with the bicycle and a box of chocolates. Jim suddenly disappeared into his bedroom, and then came running out. “All right,” he said, after examining the bicycle. “You can have your watch back!”
67. When Jim came home without his bicycle, his parents
(a) were angry with him.
(b) were worried.
(c) did not feel concerned.
(d) were eager to meet the old man and the little boy.
68. Jim returned the watch to the old man and the little boy because.
(a) they gave him chocolates.
(b) his father was proud of him.
(c) he was satisfied with the condition of his bicycle.
(d) they were late only by 30 minutes.

पहली बात तो यह कि क्या यह पूरा अंश आपकी समझ में आया? मैं शब्दशः समझने की बात नहीं कर रहा हूँ बल्कि इसके भावार्थ को समझने की बात कर रहा हूँ। यदि आप यह समझ पाते हैं कि गद्यांश में कहा क्या जा रहा है, तो आप इसमें पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने योग्य बन जाते हैं। इसके लिए मैं आपको निम्न उपाय सुझाना चाहूँगा-

  • पहला यह कि पूरे गद्यांश को आप ध्यान से और धीरे-धीरे पढ़ें। पढ़ते समय इस बात का खास ध्यान रखें कि आपको कहाँ-कहाँ रूकना है, ताकि एक ही वाक्य के बीच जो अलग-अलग शब्द आए हैं, उनमें आप सही संबंध स्थापित कर सकें।
  • फिर आप पूछे गए प्रश्न को समझें और उसके दिए गए विकल्पों को पढ़ें। विकल्पों को पढ़ने के तुरन्त बाद उत्तर पर निशान न लगा दें,क्योंकि आपकी अंग्रेजी अभी इतनी अच्छी नहीं है। अब आप गद्यांश के उस अंश पर जाएं, जिसका संबंध पूछे गए प्रश्न के उत्तर से है। उस अंश को एक बार फिर से पढ़ें और फिर निशान लगाएं।
  • तीसरी और अंतिम बात यह कि यदि आप अंग्रेजी को लेकर काफी आशंकित हैं, तो इन प्रश्नों को अंत में हल करें और कोशिश करें कि इसके लिए तुलनात्मक रूप से ज्यादा समय दे सके। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ, क्योंकि अब आपके दिमाग में अन्य प्रश्नों को हल करने का दबाव नहीं रहेगा और निश्चिन्तता के साथ आप अपना ध्यान अंग्रेजी के प्रश्नों को हल करने में लगा सकेंगे।

बेहतर होगा कि मैंने अभी जो तरीका बताया है, उसे आप तुरन्त इस्तेमाल करके देख लें। इससे आपको न केवल मेरे तरीके पर ही विश्वास आएगा, बल्कि इस पूरे लेख पर ही विश्वास पैदा होगा, जो सीखने के लिए जरूरी होता है।

Subscribe to our Newsletter

Share this on WhatsApp

Related posts:

  1. सिविल सेवा परीक्षा: अंग्रेजी बनाम हिन्दी
  2. सिविल सेवा परीक्षा के लिए इतिहास की तैयारी
  3. सिविल सेवा के लिए भूगोल की तैयारी
  4. सिविल सेवा परीक्षा: सरल या कठिन

Filed Under: Articles (Hindi)

Content Category

  • Audio
    • AIR News English
    • AIR News Hindi
    • Daily Audio Lecture
    • Discussions
    • Life Management
  • Books
  • Knowledge Centre
    • Current Content
    • Magazines
    • Mock Test
    • Newspaper Clips
    • Practice Questions
  • Resources
    • Articles (English)
    • Articles (Hindi)
    • NCERT Books
    • Question Papers
  • Video

Explore by Topics

Economics GST History

Contact Us

We welcome your valuable feedback, suggestions and advice about our Free study material for Indian Civil Services, IAS Exam preparation, UPSC Entrance Exams, UPSC/IAS Mock Tests, Daily Audio Lectures and many other IAS tutorials to crack UPSC IAS examinations.

Email: info@afeias.com
Phone: 08103515516

About Us

AFEIAS has been established with the aim of providing proper guidance to youths preparing for Indian Civil Services. The important point to note here for IAS aspirants is all of our UPSC/IAS exam preparation Classes are conducted by former civil servant and renowned author, Dr.Vijay Agrawal himself who is on mission to provide right and proper guidance to students preparing for Civil Services Examinations. Continuing with this endeavor Dr. Agrawals’s book, ‘HOW TO BECOME AN IAS‘ is a great milestone in this regard.

We are Social

  • Facebook
  • Instagram
  • Twitter
  • YouTube

Mobile Apps


Copyright © AFEIAS.COM.

Sitemap | FAQs | Privacy Policy | Terms & Conditions | Mobile App

Website by Yotek Technologies

Digital Marketing by Afzal Khan