‘पीएम सूर्योदय योजना’
To Download Click Here.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 22 जनवरी को ‘पीएम सूर्योदय योजना‘ की घोषणा की है। इस योजना का लक्ष्य 1 करोड़ घरों की छतों (रूफटॉप) पर सोलार पैनल लगाने की है। इसका व्यापक उद्देश्य है – गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को स्वच्छ और सस्ती बिजली उपलब्ध कराना। इससे न केवल आम लोगों का बिजली बिल कम होगा, बल्कि देश भी बिजली आपूर्ति के मामले में आत्मनिर्भर होगा। यह अक्षय ऊर्जा को लेकर देश की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता के निर्वाह की दृष्टि से भी उपयोगी कदम होगा।
- सूर्योदय योजना 2010 से अब तक घोषित चौथी ऐसी योजना है, जो छतों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाने से संबंधित है। 2010 में सबसे पहले जवाहरलाल नेहरू नैशनल सोलार मिशन की स्थापना की गई थी। वर्ष 2015 में एक अन्य योजना की घोषणा की गई थी, ताकि आम परिवारों तथा बिजली वितरण कंपनियों को ऐसी परियोजनाओं को लेकर प्रोत्साहित किया जा सके। 2017 में सोलार ट्रांसफिगरेशन ऑफ इंडिया (सृष्टि) योजना की शुरुआत हुई, जिसका उद्देश्य वित्तीय प्रोत्साहन की सहायता से रूफटॉप सोलार योजनाओं के लिए वितरण कंपनियों को नोडल एजेंसी के रूप में मजबूती प्रदान करना था।
- सोलार रूफटॉप सिस्टम को बड़े पैमाने पर अपनाए जाने में निम्न चुनौतियाँ हैं –
1) प्रौद्योगिकी, सरकारी सब्सिडी और नेट मीटरिंग के बारे में उपभोक्ता जागरूकता का अभाव।
2) ऊँची लागत और वित्तीय विकल्पों की कम उपलब्धता।
3) वितरण कंपनियों की ऐसी परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के प्रति अनिच्छा।
आगे की राह –
- स्वतंत्र थिंक टैंक काउंसिल ऑन एनर्जी, एन्वॉयरमेंट ऐंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू) की एक रिपोर्ट के अनुसार देश के 25 करोड़ घरों में यह क्षमता है कि वे अपनी छतों पर 637 गीगावॉट सौर ऊर्जा स्थापित कर सकें।
- ऐसे में लोगों के लिए रूफटॉप सोलार सिस्टम तभी व्यावहारिक हो सकता है, जब उन्हें अच्छी सब्सिडी प्रदान की जाए।
- बिजली वितरण कंपनियों की अनिच्छा में भी इस वित्त की अहम भूमिका है।
- सब्सिडी आवंटन को आसान बनाने की भी आवश्यकता है।
*****
Related Articles
×